रायपुर/ भिलाई। छत्तीसगढ़ में नेताओं, अफसरों और कारोबारियों पर छापामार कार्रवाई में आयकर विभाग को 150 करोड़ रुपए के बेनामी लेन-देन के सबूत मिले हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को कहा कि प्रदेश में अफसरों को अवैध तौर पर हर महीने बड़ी रकम दी जा रही थी। सीबीडीटी ने पिछले 5 दिनों में 25 ठिकानों पर कार्रवाई के बाद पहली बार इस बारे में जानकारी दी।
राज्य में आयकर विभाग की कार्रवाई पांचवें दिन भी जारी रही। सोमवार दोपहर को आयकर विभाग की टीम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया के भिलाई स्थित बंगले पर पहुंची। अधिकारियों ने सौम्या से पूछताछ भी की। इससे पहले टीम ने 28 फरवरी को भी उनके बंगले पर छापा मारा था, लेकिन 24 घंटे के बाद भी किसी के सामने नहीं आने पर विभाग ने बंगले को सील कर दिया था।
छत्तीसगढ़ में 27 फरवरी से जारी है कार्रवाई
आयकर की टीम ने 27 फरवरी को सुबह छत्तीसगढ़ में अफसरों, नेताओं और कारोबारियों के यहां छापे मारे थे। 13 लोगों के 25 ठिकानों पर छापे मारे गए थे। इनमें रायपुर के मेयर एजाज ढेबर, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, आईएएस अनिल टुटेजा, सीए अजय सिंघवानी, होटल कारोबारी गुरुचरण सिंह होरा, मेयर के भाई अनवर ढेबर, डॉ. ए फरिश्ता, सीए संजय संचेती और सीए कमलेश जैन के नाम प्रमुख हैं।
इन सभी लोगों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नजदीकी बताया जा रहा है। रविवार को आयकर विभाग की केंद्रीय टीम ने अधिकांश जगह जांच पूरी कर ली। हालांकि, ऑपरेशन को लीड कर रहे कुछ अफसर रायपुर में ही डेरा जमाए हुए हैं। इसके बाद राज्य की कांग्रेस सरकार ने छापों को लेकर केंद्र सरकार पर हमला शुरू किया।
मुंबई से 50 अफसर बुलाए, होटल में कंट्रोल रूम बनाया
शनिवार को इनकम टैक्स के 50 अफसरों को मुंबई से बुलाया गया। एक होटल में कंट्रोल रूम बनाकर छापों में मिली जानकारी और दस्तावेज सहेजने का काम शुरू किया गया।