कोटा। आखिरकार प्रदेश सरकार को कोटा थर्मल सुपर पावर प्लांट को बचाने की सुध आ ही गई। पर्यावरण नियमों की सख्ती और उत्पादन में अधिक लागत आने के कारण सरकारें सालों से कोटा थर्मल ( Kota Thermal ) को बंद करने की कोशिश में जुटी थी, लेकिन गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए कोटा थर्मल की खाली जमीन पर सोलर प्लांट लगाने की घोषणा कर कोटा के पावर सेक्टर को संजीवनी दे दी।
कोटा थर्मल में किसी भी इकाई को बंद किए बगैर ही 800 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट स्थापित किया जा सकता है।थर्मल के पास एशडाइक की 400 हेक्टेयर खाली जमीन है। जिसमें से जवाहर सागर की करीब 170 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली एशडाइक तो पूरी तरह खाली है। पहले चरण में इस पर आसानी से बड़ा सोलर पार्क स्थापित किया जा सकता है।
दूसरी एशडाइक में भरी राख का भी आवंटन कर उसे एक साल में आसानी से खाली कराया जा सकता है। इसके साथ ही ग्रीन एनर्जी सिटी प्रोजेक्ट में कोटा को शामिल कर 300 मेगावाट का रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित किया जा सकता है।