नई दिल्ली। घरेलू मोर्चे पर इस सप्ताह किसी बड़ी गतिविधियों के अभाव में शेयर बाजार में आगे की चाल वैश्विक रुझानों पर निर्भर करेगी। छुट्टियों के चलते सीमित कारोबारी दिवस वाले इस सप्ताह में बाजार की धारणा पर कोरोना वायरस से संबंधित खबरों का असर भी दिख सकता है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के प्रमुख (खुदरा शोध) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, “आगे की बात करें तो घरेलू मोर्चे पर किसी बड़े घटनाक्रम के अभाव में बाजार एक सीमित दायरे में रहेगा। कोरोना वायरस से संबंधित घटनाक्रमों पर इनकी पैनी निगाह बनी रहेगी और छोटी अवधि में बाजार पर दबाव बना रहेगा।”
ट्रेडिंगबेल्स के वरिष्ठ विश्लेषक संतोष मीना ने कहा, “वैश्विक बाजारों में अभी भी कोरोना वायरस का असर है और इस सप्ताह भी यह बना रह सकता है। तीसरी तिमाही के नतीजों का दौर लगभग खत्म हो गया है, ऐसे में भारतीय बाजारों पर वैश्विक बाजारों की गतिविधियों का गहरा असर होगा।” वैश्विक मोर्चे पर सभी की निगाह फेडरल ओपेन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के ब्योरे पर होगी। यह बृहस्पतिवार को आएगा।
बीते सप्ताह सेसेंक्स में 115.89 अंकों या 0.28 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली। हालांकि बाजार शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुआ था। दूरसंचार कंपनियों द्वारा 1.47 लाख करोड़ रुपये के वैधानिक बकाए को नहीं चुकाने पर उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कड़ी फटकार लगाई थी, जिसके बाद बैंकिंग शेयरों पर दबाव देखने को मिला। यह दबाव खासतौर से उन शेयरों पर देखा गया, जिन्होंने इन कंपनियों को कर्ज दे रखा है। इसके अलावा रुपये और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर भी बाजार की नजर होगी।