जयपुर। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) अंतिम चरण में है। कई बदलावों पर बात हो रही है, पर सबसे अधिक चर्चा में है ग्रेजुएशन कोर्सेज के मातृभाषा में होने की संभावना। मातृभाषा में उच्च शिक्षा की पढ़ाई एनईपी का हिस्सा बन सकती है। सूत्रों का कहना है कि सहमति मिलने व एजुकेशन पॉलिसी के लागू होने पर बीएससी, बीकॉम, बीटेक व एमबीबीएस जैसे कोर्सेज भी मातृभाषा में किए जा सकेंगे।
एजुकेशन पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार करने वाले पैनल के सदस्य डाॅ. राम शंकर कुरील ने भी इसकी पुष्टि की है। डॉ. कुरील के अनुसार कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। संभावना है कि अगले सेशन में पॉलिसी लागू हो। शिक्षा के जुड़े विशेषज्ञों के पैनल ने 480 पेजों का ड्राफ्ट बनाया था जिस पर फीडबैक मांगे गए थे। फिर 55 पेजों का फाइनल ड्राफ्ट तैयार हुआ।
आईआईटी व आईआईएम के समकक्ष मॉडल यूनिवर्सिटी बनेगी
लिबरल एजुकेशन के लिए आईआईटी व आईआईएम के समकक्ष मॉडल पब्लिक यूनिवर्सिटीज होंगी। मेरू (मल्टीडिसिप्लीनरी एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटीज) के नाम से ये संस्थान बनेंगे। इसके मुताबिक 2030 तक शिक्षण के लिए न्यूनतम डिग्री योग्यता 4 वर्षीय लिबरल बीएड डिग्री होगी। इसके अलावा 2 वर्षीय डिग्री पाठ्यक्रम भी उन संस्थानों के जरिए प्रस्तावित होगा, जो 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड करवा रहे होंगे।