टैक्स चोरी का नोटिस, मतलब विवाद निपटाने का सुनहरा मौका

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नई दिल्ली। अगर आपके पास टैक्स चोरी का कोई नोटिस आता है तो घबराने की बात नहीं है। आपको मामला निपटाने का सुनहरा मौका मिल रहा है। केंद्रीय कैबिनेट ने ‘डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास विधेयक, 2020’ में बदलाव करने को मंजूरी दे दी। इस बदलाव का उद्देश्य विधेयक का दायरा बढ़ाकर उन मुकदमों को शामिल करना है जो अलग-अलग कर्ज वसूली न्यायाधिकरणों (डीआरटी) में पेंडिंग हैं।

डायरेक्ट टैक्स से जुड़े कानूनी विवादों में कमी लाने के इरादे से यह विधेयक इस महीने की शुरुआत में लोकसभा में पेश किया गया। इसमें अपील स्तर पर, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरणों (आईटीएटी), हाई कोर्ट्स और सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग टैक्स विवादों को शामिल करने का प्रस्ताव है। कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इससे टैक्स से जुड़े विवादों को निपटाने में तेजी आएगी और डीआरटी में पेंडिंग मामलों को भी अब इसमें शामिल करने का निर्णय किया गया है।

जावड़ेकर ने कहा कि अलग-अलग प्राधिकरणों और अदालतों में 9 लाख करेाड़ रुपये के डायरेक्ट् टैक्स के मामले पेंडिंग हैं। मंत्री ने उम्मीद जताई कि लोग योजना का लाभ उठाएंगे और 31 मार्च 2020 से पहले विवाद का समाधान करेंगे। ऐसा नहीं होने पर उन्हें अगले वित्त वर्ष में विवादों के निपटान के लिए 10% एक्स्ट्रा भुगतान करना होगा।