नई दिल्ली। सरकार का खजाना बहुत तेजी से खाली हो रहा है और कमाई उम्मीद से कम होने के कारण जरूरी खर्च को पूरा करने में परेशानी हो रही है। ऐसे में सरकार ने एकबार फिर से रिजर्व बैंक की तरफ मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है, यह जानकारी न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने दी है।
रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष (2019-20) के लिए केंद्र को 1.76 लाख करोड़ रुपये जारी किया था। इस वित्त वर्ष में अब तक 1,23,414 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं जो अब तक एक साल में किए गए ट्रांसफर में सबसे ज्यादा है। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने एकबार में 52,637 करोड़ रुपये अलग से ट्रांसफर किए थे जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था।
19.6 लाख करोड़ रुपये रेवेन्यू का लक्ष्य
वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सरकार ने रेवेन्यू का लक्ष्य 19.6 लाख करोड़ रुपये रखा है, लेकिन आर्थिक सुस्ती के कारण कमाई उम्मीद के मुताबिक नहीं हो रही है। कॉर्पोरेट टैक्स रेट में कटौती के कारण हर साल खजाने पर 1.5 लाख करोड़ का बोझ बढ़ा है। इसके अलावा जीएसटी से भी हर महीने उम्मीद के मुताबिक कमाई नहीं हो पा रही है।
45 हजार करोड़ मांग सकती है सरकार
मामले से जुड़े सूत्रों के हवाले से खबर है कि सरकार रिजर्व बैंक से कहेगी कि साल 2019-20 को अपवाद के रूप में माना जाए और लाभांश का हिस्सा जारी करे। सरकार 35000-45000 करोड़ रुपये रिजर्व बैंक से मदद मांग सकती है।
इस साल ग्रोथ रेट घटकर 5 फीसदी पर पहुंच चुका है। हालांकि नवंबर महीने में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी आई है। हालांकि आने वाले दिनों में यह 2 फीसदी की दर से विकास करेगा जो पिछले साल करीब 6 फीसदी की दर से विकास कर रही थी। ऐसे में सरकार की कमाई पर जरूर असर होगा।