नई दिल्ली। सोने के गहनों की हॉलमार्किंग 15 जनवरी 2020 से अनिवार्य होगी। उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस नियम को लागू करने के लिए एक साल का वक्त दिया जाएगा। ताकि निजी कारोबारी हॉलमार्किंग सेंटर स्थापित कर सकें, ज्वेलर्स के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाए और कारोबारी स्टॉक क्लीयर कर सकें।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल, इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर सोमसुंदरम पी आर ने बताया कि ये एक बेहतरीन कदम है, जो काफी समय से लंबित था। इससे गोल्ड इंडस्ट्री में भरोसा लौटेगा। उपभोक्ताओं के साथ ही व्यापारियों को भी फायदा होगा। हॉलमार्किंग अनिवार्य होने से सोने की शुद्धता की जांच के क्षेत्र में रोजगार बढ़ेंगे।
हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता का पैमाना होता है। देश में इस वक्त 800 हॉलमार्किंग सेंटर हैं। सिर्फ 40% ज्वेलरी की हॉलमार्किंग होती है। भारत दुनिया में सबसे ज्यादा सोना आयात करता है। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआईएस) द्वारा हॉलमार्क गोल्ड ज्वेलरी पर बीआईएस का निशान होता है। इससे यह पता चलता है कि लाइसेंसधारक लैब में सोने की शुद्धता की जांच की गई है।
बीआईएस की वेबसाइट के मुताबिक यह देश में एकमात्र एजेंसी है जिसे सोने के गहनों की हॉलमार्किंग के लिए सरकार से मंजूरी प्राप्त है। कई ज्वेलर बीआईएस की सेवा लेने की बजाय खुद हॉलमार्किंग करते हैं इसलिए खरीदारी से पहले यह जान लेना चाहिए कि ज्वेलरी बीआईएस हॉलमार्किंग है या नहीं।