कोटा। जयपुर के सीए वरुण खंडेलवाल ने कहा कि 2 करोड़ रुपए से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों या फर्मों को जीएसटी ऑडिट करवाना जरूरी है । जिनका टर्नओवर 2 करोड़ से अधिक है, उन्हें 31 दिसंबर तक जीएसटी ऑडिट करवानी होगी, नहीं तो 25 हजार रुपए तक जुर्माना चुकाना होगा।
वे सीए ब्रांच कोटा की ओर से शनिवार को झालावाड़ रोड स्थित एक होटल में आयोजित जीएसटी ऑडिट सेमिनार को सम्बोधित कर रहे थे । उन्होंने बताया कि सरकार ने करदाताओं को राहत देते हुए वित्त वर्ष 2017-18 के लिए जीएसटी ऑडिट की तारीख को बढ़ाकर अब 31 दिसम्बर कर दिया है, जो पूर्व में 30 नवम्बर निर्धारित थी। दो करोड़ से कम टर्नओवर वाली कंपनियों या फर्मों को जीएसटी वार्षिक रिटर्न में रिटर्न के दौरान पूर्व में की गई गलतियों को दुरुस्त करने का मौका दिया है।
सीए को यूनिक नंबर लेना जरूरी
जयपुर की कंपनी सचिव एडवोकेट शिवा गौर ने बताया कि रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी से संबंधित जो भी सूचना है, उसको हर हाल में आरओसी को बताना होगा। केंद्र सरकार को जानकारी मिली है कि सीए सदस्यों के हस्ताक्षर का दुरुपयोग होने लगा है, जिसके लिए कॉरर्पोरेट अफेयर्स विभाग ने आरओसी फाइलिंग के लिए ऑडिटर रिपोर्ट के लिए सीए सदस्यों को यूनिक नंबर आवश्यक रूप से लेने की गाइडलाइन जारी की है। ताकि सीए सदस्यों के साथ किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं हो सके। ऑडिटर रिपोर्ट के साथ यूनिक नंबर आवश्यक रूप से लेना होगा।
प्रत्येक रजिस्टर कंपनी के निदेशक को हर साल डीआईआर-3 केवाईसी का फॉर्म भरना होगा, जिसमें निदेशक को ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर के साथ ही स्वयं का स्थाई पता भरना होगा, नहीं तो कंपनी डॉयरेक्टर को 5000 रुपए का जुर्माना चुकाना होगा।
सेमिनार में कोटा सीए ब्रांच की चेयरपर्सन सीए नीतू खंडेलवाल, सचिव निखिल जैन, सीपीई चेयरमैन दीपक सिंघल, वाइस चेयरपर्सन रजनी मित्तल, कोटा टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजकुमार विजय व सचिव लोकेश माहेश्वरी ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया।