अब ज्यादा देर नहीं बजेगी मोबाइल की घंटी, जानिए क्यों

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मुंबई। एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो के बीच इंटरकनेक्ट यूसेज चार्ज (IUC) पर खींचतान तेज हो गई है। दोनों पुरानी कंपनियों ने अपने नेटवर्क से आउटगोइंग कॉल्स के लिए रिंगर टाइम 35-40 सेकेंड से घटाकर 25 सेकेंड कर दिया है। इस तरह उन्होंने इसे मुकेश अंबानी की जियो के रिंगर टाइम के बराबर कर दिया है।

भारती एयरटेल के अधिकारियों के अनुसार पिछले 24 घंटों में एयरटेल के नेटवर्क से जियो और वोडाफोन आइडिया को जाने वाली सभी कॉल्स के लिए रिंगर टाइम करीब 25 सेकेंड कर दिया गया है। मामले से वाकिफ एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि वोडाफोन आइडिया ने भी ऐसा ही किया है।

एयरटेल, वोडाफोन ने लगाया था जियो पर आरोप
एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने आरोप लगाया था कि जियो ने अपने नेटवर्क से शुरू होने वाली कॉल्स के लिए रिंगर टाइम को 20 सेकेंड कर दिया। इस पर विवाद के बाद इसी सप्ताह जियो ने इसे कुछ सर्कल्स में बढ़ाकर 25 सेकेंड कर दिया था। पुरानी दोनों कंपनियों का कहना था कि जियो ने रिंगर टाइम इसलिए घटाया था ताकि उसके नेटवर्क से शुरू होने वाली कॉल्स दूसरों के नेटवर्क पर पिक न हो पाएं, जिससे रिटर्न कॉल होगी, जो जियो के नेटवर्क पर खत्म होगी और इस तरह जियो को IUC मिलेगा, जिसका भुगतान उस कंपनी को करना पड़ता है, जिसके नेटवर्क से कॉल शुरू हुई हो। अभी IUC के मामले में एयरटेल और वोडाफोन आइडिया नेट रेवेन्यू गेनर हैं और जियो नेट पेयर है।

जियो ने आरोपों का किया था खंडन
एयरटेल ने आरोप लगाया था कि जियो के रिंगर टाइम 20 सेकेंड करने से उसके नेटवर्क पर ज्यादा रिटर्न कॉल्स होने लगीं और पुरानी कंपनियों की को जियो को ज्यादा IUC देना पड़ रहा था। जियो ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि 15-20 सेकेंड का रिंगर टाइम तो दुनियाभर में तमाम कंपनियां रखती हैं।

एक्सपर्ट्स ने कहा कि अपने रिंगर टाइम घटाकर अब एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जियो के कदम का असर खत्म करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इस कदम से ये अपने IUC रेवेन्यू को बचाने की कोशिश भी कर रही हैं। एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने इस संबंध में ईटी के सवालों के जवाब नहीं दिए।

एयरटेल ने ट्राई को लिखा था पत्र
हाल में टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) को भेजे गए एक पत्र में एयरटेल ने चेतावनी दी थी कि अगर रेग्युलेटर ने जियो को रिंगर टाइम बढ़ाने का निर्देश नहीं दिया तो वह अपना रिंगर टाइम घटा देगी, जिससे सब्सक्राइबर्स को असुविधा होगी। एयरटेल ने कहा था कि जियो के रिंगर टाइम घटाने से कॉल फॉरवर्डिंग और कॉल अनाउंसमेंट जैसे फीचर्स बेकार हो गए हैं।

पिछले महीनें हुई थी अहम बैठक
ट्राई ने 6 सितंबर की मीटिंग में इस मामले पर विचार किया था। उस मीटिंग में एयरटेल, वोडा-आइडिया, बीएसएनएल और एमटीएनएल ने रिंगर टाइम कम से कम 30 सेकेंड रखने का समर्थन किया था। वहीं जियो इसे 25 सेकेंड रखने के पक्ष में थी। हालांकि उसने कहा था कि 20 सेकेंड का समय कॉल पिक करने के लिए काफी होता है और इसे लंबा रखने से स्पेक्ट्रम संसाधन की बर्बादी होगी।