नई दिल्ली। आईआईटीज में एमटेक प्रोग्राम की फीस में करीब 9 गुना बढ़ोतरी होने वाली है। आईआईटीज की काउंसिल ने शुक्रवार को एमटेक प्रोग्राम की फीस को बीटेक कोर्सों की फीस के बराबर करने को मंजूरी दी है। बीटेक कोर्सों की फीस करीब 2 लाख रुपये सालाना है। इस तरह से आईआईटीज के एमटेक प्रोग्राम की फीस में करीब 900 फीसदी की बढ़ोतरी होगी।
आईआईटीज में एमटेक कोर्स की मौजूदा ऐडमिशन और ट्युइशन फीस प्रति सेमेस्टर 5,000 से 10,000 रुपये है। परिषद की मीटिंग की बैठक एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल की अध्यक्षता में हुई। मीटिंग में नए प्रोफेसरों की पांच साल पर समीक्षा के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है। पांच साल के बाद ही नए प्रफेसरों का भाग्य तय होगा कि उनकी नौकरी आगे जारी रहेगी या जाएगी। इसके अलावा छात्रों को दिए जाने वाले 12,400 रुपये के स्टाइपेंड को खत्म करने का भी सुझाव दिया गया है।
बंद होगा स्टाइपेंड
गेट स्कोर के आधार पर जिन छात्रों का दाखिला होता था, उनको हर महीने 12,400 रुपये का स्टाइपेंड मिलता था। अब इस स्टाइपेंड को बंद करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसकी जगह इस स्टाइपेंड के कुछ हिस्से का इस्तेमाल यूजी लैब्स और कोर्सों में टीचिंग असिस्टेंटशिप के तौर पर देने के लिए किया जाएगा। इस फंड का अन्य पेशेवराना गतिविधियों के लिए भी किया जा सकता है। फीस बढ़ोतरी के साथ ही यह भी सुझाव दिया गया है कि जरूरतमंद छात्रों की मदद डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर या एजुकेशनल लोन के माध्यम से की जाए।
5 साल पर नए प्रफेसरों की समीक्षा
काउंसिल की मीटिंग में ‘टेन्योर ट्रैक सिस्टम’ को मंजूरी दी गई है। इसके आधार पर नए प्रफेसरों के परफॉर्मेंस की हर 5 साल पर समीक्षा होगी। एक एक्सटर्नल कमिटी रिसर्च और संस्थान को उनकी सेवा के आधार पर प्रफेसरों का मूल्यांकन करेगी। इस मूल्यांकन के आधार पर नए प्रफेसरों का असोसिएट प्रफेसर के तौर पर प्रमोशन होगा या फिर उनकी छुट्टी कर दी जाएगी।
अभी कहां कितनी है एमटेक की ट्युइशन फीस
मौजूदा समय में एक सेमेस्टर के लिए आईआईटी मुंबई की एमटेक ट्युइशन फीस 5,000 रुपये है जबकि आईआईटी दिल्ली की 10,000 रुपये। आईआईटी मद्रास में 3,750 रुपये की एकमुश्त भुगतान के साथ ट्युइशन फीस 5,000 रुपये है। आईआईटी खड़गपुर के पहले सेमेस्टर की फीस 25,950 रुपये है। इसमें से 6,000 रुपये रिफंड हो जाता है। बाद के सेमेस्टरों के लिए 10,550 रुपये फीस है। कुल 23 आईआईटीज में से सात पुरानी आईआईटीज में करीब 14,000 एमटेक छात्र हैं।
ड्रॉपआउट कम करने के लिए लिया गया फैसला?
आईआईटीज में एमटेक प्रोग्रामों में सुधार की काफी समय से मांग उठ रही थी। मांगों को देखते हुए सुधार के लिए एक तीन सदस्यीय कमिटी का गठन किया गया। फिर कमिटी ने जो सुझाव दिए, उनके आधार पर ये प्रस्ताव तैयार किया गया है। ऐसा महसूस किया गया कि फीस बढ़ने और स्टाइपेंड बंद होने से बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों की संख्या में कमी आएगी। एमबीए जैसे ज्यादा फीस वाले प्रोग्राम और आईआईटी सिस्टम में भी ज्यादा फीस वाले प्रोग्राम में बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों की संख्या काफी कम होती है।