कोटा। एसीबी (Anti Corruption Bureau) ने सोमवार दोपहर 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते यूआईटी के संविदाकर्मी व कम्प्यूटर ऑपरेटर को गिरफ्तार किया। वे मकान के पट्टे को स्थानान्तरित करने के मामले में कनिष्ठ अभियंता व पटवारी के लिए 25 हजार रुपए की रिश्वत की मांग कर रहे थे।
एसीबी (Anti Corruption Bureau) के एडिशनल एसपी ठाकुर चन्द्रशील ने बताया कि परिवादी कैलाशचंद शर्मा ने वर्ष 2007 में कुन्हाड़ी के आदर्श नगर में 81 नम्बर का मकान खरीदा था। इसका पट्टा पूर्व मालिक के नाम चल रहा था, जिसे वह अपने नाम पर स्थानान्तरित करवाना चाहता था।
इसके लिए उसने नगर विकास न्यास में आवेदन किया। मकान के क्षेत्र संबंधी कनिष्ठ अभियंता व पटवारी ने सर्वे करवाने व पट्टा जारी करने की एवज में न्यास के संविदाकर्मी शंकरलाल ने उससे 25 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। इस पर कैलाश ने एसीबी (Anti Corruption Bureau) में शिकायत की।
एसीबी (Anti Corruption Bureau) ने 13 सितम्बर को मामले की पुष्टि की तो शिकायत सही पाई गई। इस पर सोमवार को ट्रेप की कार्रवाई की गई। न्याय के मुख्य द्वार पर एसीबी के सीआई अजीत बगडोलिया, दलबीर सिंह, भरतसिंह, नरेन्द्र सिंह, मुकेश कुमार, मोहम्मद खालिक ने संविदाकर्मी बोरखेड़ा की मन्ना कॉलोनी निवासी शंकरलाल को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा। शंकरलाल ने वह राशि उनके साथी कम्प्यूटर ऑपरेटर जवाहर नगर निवासी राहुल पाण्डे को दे दी थी। इस पर राहुल की चेकिंग कर उसकी जेब से 10 हजार रुपए की राशि बरामद की।