क्या आप जानते हैं सीमन और स्पर्म में अंतर ?

0
3362

बहुत से लोग स्पर्म यानी शुक्राणु और सीमन यानी वीर्य को एक ही समझते हैं। लेकिन हकीकत ये है कि ये दोनों अलग-अलग हैं और सीमन के अंदर स्पर्म होता है। इसके अलावा स्पर्म और सीमन के बीच कई और अंतर भी हैं जिसके बारें में शायद ही आपको पता हो। योन रोग विशेषज्ञ डॉ.राकेश शर्मा से जानिए दोनों के बीच के डिफरेंस के बारे में…

स्पर्म एक तरह का माइक्रोस्कोपिक सेल यानी कोशिका होती है जो सीमन का हिस्सा है। स्पर्म का मुख्य काम होता है महिला के शरीर के अंदर मौजूद एग्स को फर्टिलाइज करना। वहां तक उसे जो बॉडी फ्लूइड पहुंचाता है उसे सीमन कहते हैं और सीमन का उत्पादन अलग-अलग मेल सेक्स ऑर्गन्स करते हैं।

sperm, ये शब्द ग्रीक वर्ड ‘sperma’से बना है जिसका अर्थ होता है बीज जबकी semen लैटिन वर्ड ‘serere’से बना है जिसका अर्थ है रोपना। आसान शब्दों में समझें तो पीनिस से बाहर निकलने वाला वाइटिश कलर का लिक्विड सीमन है जबकी इस फ्लूइड के अंदर मौजूद रहने वाले हजारों लाखों सेल्स को स्पर्म कहते हैं।

स्पर्म में विटमिन बी12, विटमिन सी, कैल्शियम, ऐसॉर्बिक ऐसिड, लैक्टिक ऐसिड, फ्रक्टोज, जिंक, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फैट, सोडियम और कई तरह के प्रोटीन भी पाए जाते हैं। लेकिन ये सभी तरह के न्यूट्रिएंट्स बेहद कम मात्रा में होते हैं।

प्री-इजैक्युलेशन फ्लूइड जिसे प्रीकम भी कहा जाता है, वह सीमन से अलग होता है क्योंकि उसमें न के बराबर स्पर्म होता है। ज्यादातर स्टडीज में यह बात सामने आयी है कि प्रीकम में स्पर्म न के बराबर होता है जिससे प्रेग्नेंसी की आशंका बेहद कम होती है। प्रीकम, नैचरल लुब्रिकेंट का काम करता है।

यह भी पढ़िए :वजाइना से जुड़े खास रहस्य, जो आप नहीं जानते