नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले से पाकिस्तान में भी हलचल तेज हो गई है। भारत सरकार के इस बड़े कदम से बौखलाए पाकिस्तान ने सभी संभावित विकल्पों के इस्तेमाल की धमकी दी है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीनकर अवैध कदम उठाया है। पाकिस्तान ने कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद वह सभी संभावित विकल्पों का इस्तेमाल करेगा।
कम होती आतंकी गतिविधियों से बौखलाया पाकिस्तान
पुलवामा हमले के जवाब में भारत द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक के बाद से घाटी में आतंकियों के हौसले पस्त हैं। इधर सुरक्षा बल भी अपने ऑपरेशन में कश्मीर से आतंकियों का सफाया कर रहे हैं। सैन्य अधिकारियों के अनुसार, कश्मीर में आतंकी घुसपैठ की कोशिशें भी नाकाम हुई हैं और अलगाववादियों के ठिकानों पर लगातार छापे मारे जा रहे हैं जिससे पाकिस्तान की बौखलाहट बढ़ी है।
क्या है अनुच्छेद 370
भारत 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों से आजाद तो हो गया, लेकिन इसका बंटवारा भी हो गया। भारत से निकलकर पाकिस्तान एक अलग देश बना। तब रियासतों को भारत या पाकिस्तान में विलय करने या फिर स्वतंत्र रहने का अधिकार प्राप्त था। कुछ रियासतों को छोड़कर बाकी सभी ने खुशी-खुशी भारत में विलय के प्रस्ताव पर दस्तखत कर दिए।
जम्मू-कश्मीर के शासक महाराजा हरि सिंह ने स्वतंत्र रहने का निर्णय किया, लेकिन 20 अक्टूबर, 1947 को पाकिस्तानी सेना के समर्थन से कबायलियों की ‘आजाद कश्मीर सेना’ ने कश्मीर पर हमला कर दिया। महाराजा ने हालात बिगड़ते देख भारत से मदद मांगी।
तब तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने हरि सिंह के सामने अपने राज्य को भारत में मिलाने की शर्त रखी। भारत की मदद पाने के लिए हरि सिंह ने 26 अक्टूबर, 1947 को ‘इंस्ट्रूमेंट्स ऑफ ऐक्सेशन ऑफ जम्मू ऐंड कश्मीर टु इंडिया’ पर दस्तखत कर दिया।
गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन ने अगले दिन 27 अक्टूबर, 1947 को इसे स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही, जम्मू-कश्मीर का भारत में विधिवत विलय हो गया। ‘इंस्ट्रूमेंट्स ऑफ ऐक्सेशन ऑफ जम्मू ऐंड कश्मीर टु इंडिया’ की शर्तों में यह शामिल था कि सिर्फ रक्षा, विदेश और संचार मामलों पर बने भारतीय कानून ही जम्मू-कश्मीर में लागू होंगे।
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