कोटा। आधुनिकता की आड़ में स्त्रियों को अपने शिशु को स्तनपान बंद नहीं करना चाहिए। मातृत्व की शक्ति और शिशु के मानसिक विकास के लिए यह जरुरी है। यह विचार राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में सोमवार को शिक्षिकाओं और छात्राओं के मध्य “ब्रेस्ट फीडिंग एंड इन्फेंट हेल्थ” पर अवेयरनेस प्रशिक्षण कार्यशाला में विशेषज्ञों ने व्यक्त किये।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि RTU के कुलपति डॉ. आरए गुप्ता ने कहा कि भविष्य के लिए तैयारी हमें आज से प्रारंभ करनी चाहिए। अत: ब्रैस्ट फीडिंग जागरूकता के लिए कार्यशाला का आयोजन एक अच्छा प्रयास है। भावी अभिभावकों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला आवश्यक है।
विशिष्ट अतिथि प्रो. बीपी सुनेजा ने कहा की आज की पीढी अभी भी अपने दादा दादी , नाना-नानी, से एन विषयों पर बात करने से कतराते हैं। आज की पीढ़ी शर्म महसूस करती है, जबकि समाज में इसको इन सभी को प्रमोशन करना चाहिए।
ISTD की अध्यक्षा अनीता चौहान ने कहा की हमें भारतीय परंपरा का पालन करना होगा जहां महिला को महिला शक्ति के रूप में माना जाता है। मातृत्व उसे शक्तिशाली बनाता है। स्तनपान महिलाओं का गुण है। इसे आधुनिकता के नाम पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए|
डॉ. नवनीत बागला ने कहा कि माँ को शिशुओं को स्तनपान करवाने का उचित समय देने के लिए परिवार सहयोग करें और यह भी निश्चित करे की माता तनावमुक्त रहे। तनावमुक्त वातावरण में स्तनपान करवाना ही शिशु के विकास में मदद करेगा।
डॉ अविनाश बंसल ने पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से कहा की स्तनपान राष्ट्र के टिकाऊ विकास की कुंजी है । माँ का दूध शिशु के मस्तिष्क विकास में सहायक है | इस दौरान सोशल मीडिया साक्षरता के लिए शपथ दिलवाई ।
डॉ. सी बी दासगुप्ता ने स्तनपान से संबंधित मुख्य तथ्यों से अवगत करवाते हुए कहा की यूनिवर्सिटी की छात्राएं अपनी भाभी , सहेली , चाची आदि मददगार हो सकती है। भावनात्मक सहयोग के साथ जन्म के पहले घंटे में शिशु को स्तनपान करवाने को प्रेरित कर सकती हैं ।
हर्षिता सोशल डेवलपमेंट सोसाइटी की शीला वर्मा ने बताया की यदि प्रसूता को उचित संतुलित आहार दिया जाता है तो दूध की गुणवत्ता बढ़ती है। स्तनपान करवाते समय किन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए, शिशु को पकड़ने का तरीका आदि प्रेक्टिकल करके समझया। डॉ. एकात्म गुप्ता ने बताया की जन्म के पहले घंटे में माँ का दूध अमृत समान होता है।
राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी की डीन डॉ.अन्नपूर्णा भार्गव ने धन्यवाद प्रस्ताव देते हुए कहा कि आई एस टी डी द्वारा आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से छात्राओं को स्वयं के भविष्य में अपनी मातृत्व भूमिका के निर्वहन में सहयोग मिलेगा। कार्यक्रम का संचालन यूनिवर्सिटी की छात्रा द्वारा किया गया ।
कार्यशाला का आयोजन इंडियन सोसाइटी फॉर ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट कोटा चैप्टर, बीपीएनआई, राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी कोटा, ज्ञान्द्वार एजुकेशन सोसाइटी और हर्षिता सोशल डेवलपमेंट के सयुंक्त तत्वाधान में किया गया था।