निर्यातक लघु उद्यमियों को कर्ज दिलाएगा नीति आयोग

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नई दिल्ली। निर्यात से जुड़े लाखों लघु उद्यमियों को आसानी से कर्ज दिलाने के लिए नीति आयोग बड़ी तैयारी कर रहा है। समस्या के समाधान के लिए आयोग ने पिछले दिनों बैठक बुलाई थी, जिसमें वित्त मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ-साथ निर्यातकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निर्यातकों को एक्सपोर्ट क्रेडिट समय पर नहीं मिलने की समस्या को गंभीरता से लिया गया है।

कई निर्यातकों और उनके संगठनों ने इस बाबत अपनी समस्याएं बताई हैं। इसके समाधान के लिए वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक से बात चल रही है। ट्रेड प्रोमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मोहित सिंगला का कहना है कि 2018-19 में भले ही रिकॉर्ड 331 अरब डॉलर का निर्यात हुआ, लेकिन आयात में भी नौ फीसदी इजाफे से भारत का व्यापार घाटा 176 अरब डॉलर पहुंच गया है जो सर्वाधिक है। यदि व्यापार घाटे को कम करना है तो निर्यात बढ़ाने के हर विकल्प पर अमल करना होगा।

पिछले साल आधा हो गया था कर्ज
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, वर्ष 2016-17 में निर्यातकों को कुल 4,250 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट क्रेडिट मिला था जो वर्ष 2017-18 में घटकर 2,830 करोड़ रुपये रह गया। यह 33.40 फीसदी की कटौती थी, जो 2018-19 में बढ़कर 45 हो गई और इस दौरान महज 1560 करोड़ रुपये का कर्ज निर्यातकों को मिला। यह गिरावट इसलिए चिंता बढ़ाती है, क्योंकि एक्सपोर्ट क्रेडिट सरकार की प्रायोरिटी लैंडिंग में आता है।

बैंक दिखाते हैं एनपीए का हौवा
एसबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इस समय बैंकिंग क्षेत्र पर लाखों करोड़ के फंसे कर्ज (एनपीए) का बोझ है। ऊपर से यदि बिना वित्तीय स्थिति का आकलन किए सबको लोन दिया जाए तो स्थिति और भयावह होगी। इसलिए लोन देने के मामले में काफी सोच-समझ कर निर्णय लिया जा रहा है, जिसका असर निर्यातकों पर भी पड़ रहा।