नई दिल्ली। इंटरनैशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने पिछले फिस्कल इयर के अलावा मौजूदा और अगले फिस्कल इयर के लिए इंडिया की जीडीपी ग्रोथ की फोरकास्ट घटा दी है। उसने हालिया कम ग्रोथ रेट और कमजोर ग्लोबल आउटलुक का हवाला देते हुए यह कदम उठाया है। उसने यह भी कहा है कि इंडिया की जीडीपी ग्रोथ में रिकवरी दिख रही है और यह दुनिया की सबसे तेज ग्रोथ वाली इकनॉमी बनी रहेगी।
आईएमएफ के अनुमान के मुताबिक फिस्कल इयर 2019 में इंडिया की इकनॉमिक ग्रोथ 7.1% रही है। उसके मुताबिक मौजूदा फिस्कल इयर में ग्रोथ रिकवर होकर 7.3% पर आ सकती है। आईएमएफ का यह संशोधित अनुमान उसके पिछले अनुमान से 0.2 प्रतिशत कम है। मल्टीलैटरल एजेंसी ने कहा कि फिस्कल इयर 2021 में इंडिया की जीडीपी ग्रोथ बढ़कर 7.5% पर पहुंच सकती है। उसने जनवरी में तीनों साल के वास्ते दिए असेसमेंट में एकसमान रूप से 0.2-0.2 पर्सेंटेज पॉइंट की कमी की थी।
वर्ल्ड बैंक के मुताबिक मौजूदा फिस्कल इयर में इंडिया का ग्रोथ रेट 7.5% रह सकता है जबकि आरबीआई ने 7.2% जीडीपी ग्रोथ का अनुमान दिया है। दिग्गजों के बीच ट्रेड टेंशन और ब्रेग्जिट पर बनी अनिश्चितता के चलते मौजूदा फिस्कल इयर में ग्लोबल ग्रोथ घटकर 3.3% रहने का अनुमान लगाया जा रहा है, जो 2018 में 3.6% था। चीन की जीडीपी ग्रोथ 2019 में 6.3% जबकि 2020 में 6.1% रहने का अनुमान है।
आईएमएफ ने वॉशिंगटन में मंगलवार को जारी वर्ल्ड इकनॉमिक आउटलुक में लिखा है कि इंडिया के जीडीपी ग्रोथ एस्टिमेट में कमी जीडीपी ग्रोथ एस्टिमेट में हुए हालिया संशोधन के आधार पर की गई है जिसके मुताबिक देश की आर्थिक वृद्धि दर में सुस्ती आ सकती है।युवाओं के वास्ते बड़े पैमाने पर रोजगार के मौके बनाने में मदद के लिए आईएमएफ ने भर्ती और बर्खास्तगी संबंधी कानूनों में सुधार लाए जाने का सुझाव दिया है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इंडियन इकनॉमी का ग्रोथ रेट फिस्कल इयर 2019 में 7% रहा है, जो पिछले पांच साल में सबसे कम है। IMF ने मौजूदा और अगले फिस्कल में ग्रोथ रिकवरी का अनुमान दिया है। WEO के मुताबिक, ‘इंडिया की जीडीपी ग्रोथ 2019 में बढ़कर 7.3% और 2020 में 7.5% तक जा सकती है।
ब्याज दरों में कटौती वाले एक्सपैंशनरी माहौल के बीच इनवेस्टमेंट में जारी रिकवरी के साथ फिस्कल पॉलिसी से मिलने वाले फायदों और स्ट्रॉन्ग कंजम्पशन का बड़ा हाथ होगा।’आईएमएफ के मुताबिक स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स लागू किए जाने और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की राह में बनी रुकावटें हटाए जाने से मीडियम टर्म में इंडिया की जीडीपी ग्रोथ 7.75% से थोड़े नीचे स्टेबल रह सकती है।