झालावाड़। हवाई अड्डा विस्तार में वन विभाग का पेंच अभी दूर नहीं हो पाया है। अब जयपुर से दिल्ली पर्यावरण भवन में इसकी फाइल गई है। वहां से इस 120 हेक्टेयर भूमि का फैसला होगा, उसके बाद हवाई अड्डे का काम शुरू हो पाएगा। फिलहाल अभी काम बंद पड़ा हुआ है। कोलाना गांव में पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण को स्वीकृति मिली।
तीन चरणों में यहां अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण होना है। पहले चरण में इसके लिए 169.11 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया था। इसी के तहत यहां बाउंड्रीवाल निर्माण, हवाईपट्टी के विस्तारीकरण का काम शुरू हुआ। इस पर अभी तक 37 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, लेकिन हवाईपट्टी विस्तार के लिए 120 हेक्टेयर वन भूमि की जरूरत है। यह भूमि अभी तक पीडब्ल्यूडी को नहीं मिल पाई है।
अधिकारियों का कहना है कि अब प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जल्द ही वन विभाग की भूमि मिलने की उम्मीद है। दरअसल, वर्तमान में कोलाना में हवाईपट्टी है। इसको अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां पर अभी 1700 मीटर रनवे है। इसको बढ़ाकर 3 हजार मीटर किया जाना है।
इसके अलावा बाउंड्रीवाल सहित अन्य काम होने हैं। अभी तक केवल एक फीसदी काम ही हो पाया है। इससे पहले भी वन विभाग ने अपनी भूमि देने पर ऑब्जेक्शन लगाए थे, लेकिन इन सभी के जवाब पीडब्ल्यूडी ने पेश कर दिए हैं। अब मामला दिल्ली पर्यावरण मंत्रालय के पास है।
सरकार बदली तो बजट आने में भी लग रहा समय
बजट भी पिछले एक माह से नहीं आ पाया है। इसी का नतीजा है कि इस प्रोजेक्ट पर संकट आया है। इससे पहले आचार संहिता के कारण कार्यों का बजट नहीं आ पा रहा था। उसके बाद जैसे ही सरकार बदली तो अब कामकाज की प्रक्रिया और बजट आने में भी समय लग रहा है। कोलाना एयरपोर्ट के निर्माण की गति भी नहीं बढ़ पा रही है।
अभी काम बंद
अभी वन विभाग की भूमि के लिए दिल्ली फाइल गई है। वहां से कुछ ही समय में फाइनल हो जाएगा। फिलहाल बजट की कमी और वन भूमि नहीं मिल पाने से काम कुछ समय से बंद है। –बीएल माली, एक्सईएन एयरपोर्ट खंड, पीडब्ल्यूडी झालावाड़