जयपुर/कोटा। एक लाख रुपए की घूस लेते पकड़े गए नारकोटिक्स विभाग के डिप्टी कमिश्नर आईआरएस सहीराम मीणा आयकर विभाग के राडार पर आ गए हैं। आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेटिंग टीम से लेकर बेनामी संपत्ति इकाई तक ने इस मामले में इंटरनल जांच शुरू कर दी है। विभाग इस दिशा में एसीबी से भी सहयोग लेगा।
डॉ. सहीराम मीना ने भले ही 300 करोड़ रुपए की बेशुमार दौलत जुटा ली, लेकिन उसकी पैसों की भूख शांत नहीं हुई। एसीबी की जांच में उसके घर से एक लाल रंग की बही और एक डायरी बरामद की है। इसमें गैरकानूनी तरीके से सूदखोरी का धंधा करने का खुलासा हुआ है।
एसीबी का मानना है कि वह घूस के जरिये एकत्र की गई राशि को ब्याज पर चलाता था। बही और डायरी में कई लोगों को डेढ़ रुपया सैकड़ा के ब्याज पर देने के बारे में लिखा हुआ है। एक ठेकेदार को दिए पैसे का हिसाब देखकर तो एसीबी अधिकारी भी हैरान रह गए।
इस ठेकेदार ने करीब 20 साल पहले 2-3 लाख रु. उधार लिए थे, जिनका ब्याज जोड़कर आज करीब 30 लाख रु. निकाल रखे हैं। इस बीच, एसीबी को सोमवार को सहीराम व उनके परिजनों के नाम से 15 बैंक खातों का पता चला।
जयपुर के मालवीय नगर स्थित एचडीएफसी बैंक में बेटे मनीष व पुत्रवधू विजयलक्ष्मी के ज्वाइंट अकाउंट और लॉकर की तलाशी में 24 लाख रु. कीमत की साढ़े आठ सौ ग्राम गोल्ड ज्वैलरी मिली। बही के पहले पेज पर लक्ष्मीजी का फोटो लगा हुआ है। इसके पहले पैरे में हेमराज मीणा से 17 लाख रुपए डेढ़ रुपए सैकड़ा की दर से देने का उल्लेख है और ब्याज लेने की दिनांक 19 अप्रैल अंकित है।
इसके अंतिम पैरे में 1 फरवरी, 2018 को 18.90 लाख रुपए बाकी का इंद्राज है। इसी तरह हेमराज मीणा का एक टाइपशुदा पत्र भी मिला, जिसमें प्रेमलता मीणा (सहीराम की पत्नी) से ठेकेदारी वास्ते पिछला हिसाब करते हुए रोकड़ी 22,38,696 रुपए का हिसाब लिखा हुआ है।
दूसरी डायरी में हेमराज मीणा का 10 लाख 50 हजार, कमल सिंह का 2 लाख 73 हजार 316 रुपए, रामेश्वर प्रसाद मीणा का 1 लाख, श्यामलाल का 2 लाख 94 हजार रुपए का हिसाब लिखा हुआ है। सभी मामलों में ब्याज दर डेढ़ रुपए सैकड़ा लिखी हुई है।
फैसला : एसीबी ने सहीराम व दलाल कमलेश को विशिष्ट न्यायाधीश के आवास पर पेश किया। दोनों काे दो दिन रिमांड पर भेजा।
जाँच में अभी तक यह मिला
जांच में 2.30 करोड़ नकद मिले। खुद, पत्नी प्रेमलता, बेटे मनीष व बहू विजय लक्ष्मी के नाम 106 प्लॉट, 25 दुकानें, पेट्रोल पंप, मैरिज होम, मुंबई में फ्लैट सहित करीब 300 करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज मिले। अधिकांश संपत्ति जयपुर में बनाई गई।
‘आइ एम फर्स्ट बिलेनियर’
रिश्वत लेते पकडे गए आईआरएस अधिकारी सहीराम मीणा की 10 लाख रुपये रोजाना की कमाई थी। भृष्टाचार निरोधक टीम ने जब उसके जयपुर में सिद्धार्थनगर आलिशान बंगले पर छापा मारा तो अधिकारी दंग रह गए। वहां तस्वीर में नोटों की गड्डियां थी। जिन पर लिखा था आइ एम फर्स्ट बिलेनियर। यानी मैं पहला अरबपति। एसीबी अधिकारियों ने बताया कि आरोपी सहीराम की दस लाख रुपये रोज की अवैध कमाई थी।