नई दिल्ली।शेयर बाजार की चाल अगले सप्ताह अंतरिम बजट, जनवरी के डेरिवेटिव सौदों के निपटान, बड़ी कंपनियों के तिमाही परिणाम तथा अमेरिका के फेडरल रिजर्व के नीतिगत निर्णय जैसे कई कारकों पर निर्भर करेगी। विशेषज्ञों ने ऐसी राय व्यक्त की है। जियोजीत फाइनैंशल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता तथा वैश्विक आर्थिक वृद्धि से जुड़ी आशंकाओं पर निवेशकों की निगाहें गड़ी रहने से बाजार की गतिविधि सीमित दायरे में ही रहेगी।’
एपिक रिसर्च के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुस्तफा नदीम ने कहा कि आने वाले समय में बजट, फेडरल रिजर्व बैंक की खुला बाजार समिति की बैठक तथा एक्सिस बैंक, ICICI बैंक, बजाज फाइनैंस, इंडियन ऑइल कॉरपोरेशन और एचसीएल के तिमाही परिणाम समेत कई कारक घटित होने वाले हैं।
इनके अलावा आगामी सप्ताह बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी, बजाज ऑटो, हीरो मोटोकॉर्प, डॉ. रेड्डीज लैब और भारतीय स्टेट बैंक के परिणाम भी आने वाले हैं। सरकार एक फरवरी को वित्त वर्ष 2019-20 का अंतरिम बजट भी पेश करने वाली है। प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले सप्ताह शुक्रवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 689.28 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध लिवाली की।
हालांकि घरेलू संस्थागत निवेशक 147.35 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे। मंगलवार को जनवरी महीने के डेरिवेटिव्स की अवधि समाप्त होने तथा शुक्रवार को विनिर्माण क्षेत्र का पीएमआई आंकड़ा जारी होने का भी बाजार पर असर पड़ सकता है। पिछले सप्ताह बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 361 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 126 अंक गिरा।