हैदराबाद। भविष्य में आईटी सेक्टर में उन युवाओं के लिए नौकरी हासिल करना मुश्किल होगा जो सिर्फ बी. टेक डिग्री लेकर आ रहे हैं ।आईटी उद्योग के दिग्गज का कहना है कि आने वाले समय में कंपनियां पोस्ट ग्रेजुएट खासकर विशेज्ञता हासिल करने वाले युवाओं को वरीयता देंगी।
इंसोसिस के पूर्व चीफ फाइनेंशियल ऑफीसर मोहनदास पई ने कहा है कि अच्छी नौकरी पाने के लिए बी. टेक की डिग्री पर्याप्त नहीं होगी। युवाओं को एम. टेक की डिग्री लेनी चाहिए और किसी क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल भी लेनी चाहिए। उन्हें अतिरिक्त क्लासेज लेकर खुद कोडिंग करना सीखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कंपनियां बिना पर्याप्त कुशलता के नौकरी नहीं देंगी। वे छह महीने ट्रेनिंग देने के साथ वेतन देना पसंद नहीं करेंगी। वे नौकरी देते समय ही कोडिंग की कुशलता जांचेंगी। अच्छी कोडिंग जानने वालों को ही नौकरी देंगी। भविष्य में नौकरी पाने के लिए एम. टेक की डिग्र्री जरूरी होगी। इस डिग्री के साथ कोडिंग स्किल एक स्तर की होनी चाहिए।
आईटी उद्योग में पिछले दो दशक से नये कर्मचारियों का वेतन न बढ़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी त्रासदी है। चूंकि उद्योग की विकास दर बहुत तेज नहीं है, इसी वजह से यह हो रहा है।इस समय मणिपाल ग्लोबल एजूकेशन के चेयरमैन का पद संभाल रहे पई ने कहा कि आइटी इंजीनियरों की उपलब्धता ज्यादा है जबकि उद्योग मांग कम है।
इंफोसिस रेवेन्यू ग्रोथ के गाइडेंस पर कायमआईटी कंपनी इंफोसिस ने कहा है कि इस साल अपने राजस्व में 6.5-8.6 फीसद की बढ़ोतरी के गाइडेंस के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हालांकि उसके कुछ ग्र्राहक प्रोजेक्टों के लिए कीमत 30-40 फीसद तक कम करने की मांग कर रहे हैं। कंपनी के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफीसर यू. बी. प्रवीण राव ने मॉर्गन स्टेनली के 19वें इंडिया समिट में कहा कि कंपनियों का आइटी बजट पिछले स्तर पर ही है।
ग्राहक तीन से पांच साल के प्रोजेक्ट रिन्यूअल में कीमत 30-40 फीसद कम करने के लिए कह रहे हैं। हालांकि हम कीमत को लेकर कोई दबाव महसूस नहीं कर रहे हैं।ग्राहक कीमत घटाकर यह पैसा कहीं और लगाना चाहते हैं। वजह यही है कि आइटी का बजट नहीं बढ़ा है। राव ने कहा कि आईटी सेक्टर की रफ्तार अगले 18 महीनों तक धीमी रह सकती है।