अंतरिम बजट 2019 : आयकर छूट की सीमा बढ़कर होगी 5 लाख

0
1365

नई दिल्ली। मध्य वर्ग को राहत देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर दोगुनी कर सकते हैं, जो वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए 2.5 लाख रुपये से बढ़कर 5 लाख रुपये हो सकता है, जबकि मेडिकल खर्चों और परिवहन भत्ते को भी फिर से बहाल कर सकते हैं। इससे नोटबंदी के कारण बेहाल मध्य वर्ग को थोड़ी राहत मिलेगी।

अंतरिम बजट में हालांकि बहुत अधिक मांगों को पूरा नहीं किया जा सकता है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार चुनावों को देखते हुए मध्य वर्ग को खुश करने की कोशिश करेगी। सरकारी सूत्रों ने बताया कि इसलिए करों के स्लैब को सुव्यवस्थित करने की योजना बनाई गई है, जो किसी भी स्थिति में आगामी प्रत्यक्ष कर संहिता के अनुरूप होंगे।

इसमें यह समस्या आ सकती है कि प्रत्यक्ष कर संहिता रिपोर्ट के आने से पहले आम बजट 28 फरवरी को आ जाएगा, जिससे रिपोर्ट जारी होने से पहले दरों से छेड़छाड़ इसे विवादास्पद बना देगा। नए प्रत्यक्ष कर संहिता के दायरे में ज्यादा से ज्यादा कर निर्धारती (एसेसी) को कर के दायरे में लाने की कोशिश की जाएगी, ताकि अलग-अलग वर्गों के करदाताओं के लिए अधिक न्यायसंगत प्रणाली बनाई जाए, कॉर्पोरेट कर में कमी की जाए और व्यवसायों को प्रतिस्पर्धी बनाई जाए।

वर्तमान में, 2.5 लाख रुपये की आय को निजी आयकर से छूट प्राप्त है, जबकि 2.5-5 लाख रुपये के बीच की सालाना आय पर 5 फीसदी कर लगता है, जबकि 5-10 लाख रुपये की सालाना आय पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर 30 फीसदी कर लगता है। जबकि 80 साल के अधिक की उम्र के नागरिकों को 5 लाख रुपये सालाना की आय पर कर छूट प्राप्त है।

इसके अलावा पिछले साल 5 लाख रुपये की आय वालों के लिए सालाना 15,000 रुपये तक के मेडिकल खर्चों और 19,200 रुपये तक के परिवहन भत्तों को हटाकर उसकी जगह 20,000 रुपये की मानक कटौती लाया था। इसे भी वापस बहाल किया जा सकता है। हालांकि इससे बहुत अधिक फायदा तो नहीं होगा, लेकिन मध्य वर्ग का उत्साह बढ़ेगा।