कोटा। राज्य सरकार कोटा के तीन हजार हॉस्टल व होटल संचालकों से लेबर वेलफेयर सैस वसूलेगी। यह भवन निर्माण की कुल लागत का एक प्रतिशत होगा। इसे 31 मार्च तक जमा करवाना होगा। इस तारीख तक जमा नहीं करवाने पर सौ प्रतिशत पेनल्टी व 24 प्रतिशत ब्याज देना होगा। यह जानकारी शुक्रवार को जिले के भवन निर्माताओं, हॉस्टल एसोसिएशन के पदाधिकारियों की श्रम आयुक्त नवीन जैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में दी गई।
एक अनुमान के अनुसार सरकार इस टैक्स के जरिये अकेले कोटा से ही 300 करोड़ रुपए इकट्ठा कर लेगी। भारत सरकार के भवन निर्माण में एक प्रतिशत लेबर वेलफेयर सैस को राज्य सरकार ने वर्ष 2010 में लागू किया। अब प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही इस टैक्स को वसूलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए कोटा के करीब तीन हजार हॉस्टल व होटल संचालकों को पैसे जमा करवाने के लिए कहा गया है।
एक हॉस्टल या होटल के निर्माण पर करीब एक करोड़ रुपए खर्च हुआ है, तो उसका एक प्रतिशत यानी एक लाख रुपए टैक्स के रूप में देना होगा। इसमें पेनल्टी व ब्याज जोड़ा जाता है तो यह ढाई लाख रुपए के लगभग होता है। जैन ने बताया कि इस टैक्स से मिलने वाली राशि का उपयोग निर्माण श्रमिकों के हित में काम ली जाती है। इसके समयावधि में जमा नहीं कराने पर पर ब्याज व पेनल्टी का भी प्रावधान है। उन्होंने सलाह दी कि भवन निर्माता ऑनलाइन इस अधिनियम के तहत रजिस्ट्रेशन करवा सकता है।