कोटा। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत श्रीकृष्णा खादी ग्रामोद्योग विकास संस्था द्वारा दशहरा मैदान (प्रगति मैदान) स्थित अंबेडकर भवन के पीछे नेशनल क्रॉफ्ट हैंडलूम एक्सपो का शुभारंभ किया गया। संस्था के निदेशक त्रिभुवन सिंह ने बुधवार को पत्रकारों को बताया कि नेशनल क्रॉफ्ट हैंडलूम एक्सपो का आयोजन 3 फरवरी तक किया जाएगा।
एक्सपो में 100 से अधिक स्टॉलें लगाई गई है, जिसमें भारत के 15 राज्यों से आये हुए हथकरघा, हस्तशिल्पी व शिल्पकारों द्वारा कोटा में पहली बार संगठित स्वयं सहायता समूहों द्वारा घरेलू उत्पादों के साथ-साथ साज सज्जा व वेंडिंग ज्वैलरी, कश्मीरी साडिय़ां समेत विभिन्न प्रकार के हैंडीक्राफ्ट उत्पादों की बिक्री की जा रही है।
2 लाख की पशमीना शॉल व 50 हजार की साड़ी
एक्सपो में जम्मू कश्मीर से स्टॉल लगाने आए अशरफ ने बताया कि स्टॉल पर एक लाख से लेकर दो लाख रुपए तक की पशमीना शॉल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इस शॉल में निडल वर्क व कानी वर्क होता है, जिससे पशमीना शॉल को एक राजाशाही लुक मिलता है।
इस शॉल को यूज करने के बाद भी उसका रिटर्न अच्छा मिलता है। उन्होंने बताया कि स्टॉल पर 40 से लेकर 50 हजार रुपए की रेंज में भी पशमीना शॉल उपलब्ध है। लोगों में स्टॉल पर पशमीना शॉल व साड़ी देखने की होड़ सी मची हुई है।
इन उत्पादों की लगी स्टॉलें
उन्होंने बताया कि एक्सपो में कश्मीरी शॉल, साड़ी, जैकेट, दुपट्टा, डे्रस मटेरियल, प्योर पशमीना शॉल, बनारसी लेडीज सूट्स, साड़ी, भागलपुर, बिहार के सूट्स, साड़ी, नेहरू जैकेट, फैशन ज्वैलरी, एक ग्राम की गोल्ड ज्वैलरी, मुंबई की आर्टिफिशियल ज्वैलरी, कोलकाता के जूट बैग, जूट ज्वैलरी, कांता वर्क के सिल्क सूट्स व साड़ी, लखनऊ के चिकन वर्क के सूट, साड़ी व ड्रेस मटेरियल, मिर्जापुर व भदोई का कारपेट, क्रॉकरी, मुगलकालीन वर्क की क्रॉकरी, बनारसी डिजाइन की साड़ी, मेरठ की खादी के साथ घरेलू उत्पाद, खानपान, साज सज्जा व ज्वैलरी वाजिब दामों पर उपलब्ध है।
ईको फ्रेंडली उत्पाद
स्वयं सहायता समूह डेस्टीट्यूट वेलफेयर ट्रस्ट की नीना गुप्ता ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाकर ईको फ्रेंडली उत्पाद बनाए जाते है। महिलाओं को रोजगार की गारंटी के साथ कुशलतापूर्वक निशुल्क जूट हैंडीक्राफ्ट आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है।