नई दिल्ली।अब आपके कंप्यूटर डेटा की जांच के लिए सरकारी एजेंसियां कभी भी आपके दरवाजे पर दस्तक दे सकती हैं। केंद्र की मोदी सरकार का एक आदेश तो यही कहता है। 20 दिसंबर, 2018 को गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कुछ एजेंसियों को यह अधिकारी देने की बात कही गई है कि वे किसी भी कंप्यूटर के डेटा का इंटरसेप्शन, मॉनिटरिंग और डिक्रिप्शन कर सकते हैं।
गृह मंत्रालय के साइबर सुरक्षा एवं सूचना विभाग ने इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी ऐक्ट के सेक्शन 69 (1) के तहत एजेंसियों को यह अधिकार दिया है। यही नहीं मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आदेश में उन 10 एजेंसियों की सूची भी जारी की गई है, जो आपके कंप्यूटर की कभी भी जांच कर सकेंगी।
कौन सी कंपनियां आपके कंप्यूटर डेटा की कर सकती हैं जांच
- इंटेलिजेंस ब्यूरो
- नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो
- प्रवर्तन निदेशालय
- सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज
- डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस
- सीबीआई
- एनआईए
- कैबिनेट सचिवालय (रॉ)
- डायरेक्टोरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस
- दिल्ली पुलिस कमिश्नर
केंद्र सरकार के इस फैसले की निंदा भी होने लगी है। एनसीपी लीडर माजिद मेमन ने कहा कि यह आम लोगों की निजता में दखल है। आखिर कैसे कोई भी एजेंसी किसी के भी घर में घुसकर उनके कंप्यूटर डेटा की जांच कर सकती है। दूसरी तरफ कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी के नारे की तर्ज पर ही अटैक करते हुए कहा कि अबकी बार, निजता पर वार।