कोटा। तीन साल में रेलवे ने किसी भी ट्रेन में यात्रियों को यात्रा तो नहीं कराई लेकिन उनसे 8 हजार करोड़़ रुपए कमा लिए। जी हाँ यह हैरान करने वाला सच है । रेलवे यात्रियों को बिना सेवा दिए मोटा पैसा कमा रहा है। रेलवे हर साल यात्रियों को बिना यात्रा कराए भी 2500 करोड़ रुपए की कमाई करता है।
आरटीआई से खुलासा हुआ है कि रेलवे ने सबसे ज्यादा कमाई विंडो वेटिंग टिकट के समय से रद्द नहीं हो पाने से की है। इस टिकट के कंफर्म होने की सूचना ट्रेन चलने के चार घंटे पहले ही मिलती है। इस वजह से यात्रियों को टिकट रद्द करवाने के लिए ट्रेन छूटने के 30 मिनट पहले तक का समय ही मिलता है। ऐसे में 8 करोड़ 89 लाख 24 हजार 414 यात्री पिछले तीन सालों में टिकट कैंसिल नहीं करा पाए।
इनसे रेलवे ने 4404 करोड़ रुपए कमाए। आंशिक कंफर्म ई-टिकट कैंसिल हो पाने की स्थिति में यात्रियों से 162 करोड़ 1 लाख 95 हजार रुपए कैंसिल टिकट से 3439 करोड 29 लाख 56 हजार रुपए की रेलवे ने यात्रियों से आय हुई है। यह आरटीआई कोटा के सुजीत स्वामी ने रेलवे बोर्ड में लगाई थी।
जनता के पैसे अपने पास रखने का अधिकार नहीं
स्वामी ने बताया कि विंडो वेटिंग टिकट क्लियर होने पर लोगों को आरक्षित कोच में यात्रा करने का अधिकार तब तक नहीं होता। जब तक कि कोच के टीटीई से इस बारे में ना पूछ लिया जाए। अगर बिना पूछे कोई सफर करता है तो उसके ऊपर रेलवे एक्ट के तहत कार्यवाही की जाती है। सुजीत का कहना है कि जब रेलवे यात्रियों को सेवाएं नहीं दे रहा तो उसे जनता के पैसे अपने पास रखने का अधिकार नहीं है।
हर साल 62 करोड़ लोग रिजर्वेशन टिकट करवाते है। लेकिन 3 करोड़ लोग वेटिंग टिकट को कैंसिल नहीं करते हैं। सुजीत ने रेलवे को पत्र लिखकर सुझाव भी दिया था कि रिजर्वेशन फॉर्म में यात्रियों का अकाउंट नंबर लिया जाए। जिसे टिकट से लिंक कर दिया जाए। जिससे विंडो से लिया गया वेटिंग टिकट कंफर्म नहीं होने पर अपने आप ही रद्द हो जाए।