नई दिल्ली। बिना सिम कार्ड के किसी भी फोन का इस्तेमाल नही किया जा सकता है। Sim कार्ड का मतलब Subscriber Identity Module होता है। यह एक छोटी चिप होती है जो स्मार्टफोन यूजर की जानकारी को सेव रखती है। पिछले 3 से 5 वर्षों में सिम कार्ड का साइज छोटा हो गया है। हम कई वर्षों से मिनी सिम इस्तेमाल कर रहे थे।
इसके बाद माइक्रो और नैनो सिम का चलन शुरू हो गया था। वहीं, वर्तमान की बात करें तो अब eSIM ने भी दस्तक दे दी है। iPhone XS लॉन्च होने के बाद eSIM के बारे में लोगों को ज्यादा पता चला। यहां हम आपको eSIM क्या है और इसके फायदे क्या हैं इसकी जानकारी दे रहे हैं।
क्या है eSIM?
eSIM को इंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल कहा जाता है। यह तकनीक सॉफ्टवेयर के जरिए काम करती है। पहले इस तकनीक का इस्तेमाल केवल स्मार्टवॉच में किया जा रहा था। लेकिन इस तकनीक को अब iPhones के नए मॉडल्स के साथ पेश कर दिया गया है। यूजर्स को इससे एक ऑपरेटर से दूसरे ऑपरेटर में स्विच करने में भी आसानी होगी।
ज्यादा सिक्योरिटी:
eSIM स्मार्टफोन में एम्बेड की जाती है। इसे फोन से अलग नहीं किया जा सकता है। इसका सीधा मतलब यह है कि आपका सिम कार्ड कभी खो नहीं सकता है। इसके साथ ही हर मोबाइल में अलग-अलग साइज की सिम लगाई जाती है लेकिन eSIM के साथ इस बात की चिंता की जरुरत नहीं है।
ट्रैवलर्स के लिए है फायदेमंद:
eSIM का सबसे बड़ा फायदा ट्रैवलर्स को होगा। दूसरे देशों में घूमने जाते समय स्टैंड्रड सिम कार्ड आपके नंबर को एक्सेस करने की अनुमति नहीं देते हैं। ऐसे में आप अपने फोन में रोमिंग eSIM एम्बेड कर सकते हैं। इससे आपको रोमिंग चार्जेज भी नहीं देने होंगे। सबसे अहम बात की eSIM आपको दूसरे देश में घूमने जाते समय आप इसका इस्तेमाल कर पाएंगे।
बचाता है स्पेस:
स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां सिम का साइज छोटा कर रही हैं जिससे स्पेस को बढ़ाया जा सके। वहीं, अगर सिम कार्ड स्लॉट को ही फोन से हटा दिया जाए तो कंपनियां इस स्पेस को अन्य उपयोगी कंपोनेंट्स के लिए इस्तेमाल कर पाएंगी। वहीं, जब फोन में सिम कार्ड स्लॉट की जगह खाली होगी तो फोन में नई तकनीक का स्कोप ज्यादा होगा।