नई दिल्ली। आपने देखा होगा कि कुछ वेबसाइट्स ऐसी हैं, जिनपर जाने से पहले आपको कई फोटोज़ और टेक्स्ट का ग्रिड दिखता है, जिसमें आपको मैचिंग फोटोज़ या टैक्स्ट मैच करना होता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि पता लगाया जा सके कि वेबसाइट को ऐक्सेस करने वाला इंसान या भी रोबॉट है।
आप इंसान हैं या रोबॉट, यह तय करने के लिए गूगल अभी तक कैप्चा (Captcha) कोड का इस्तेमाल करता रहा है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। हाल ही में इस कोड और प्रक्रिया को बंद कर दिया गया क्योंकि इसकी वजह से काफी टाइम खराब हो रहा था। इस कैप्चा कोड को बंदकर अब एक नया कैप्चा कोड यानी गूगल रीकैप्चा वी3 लागू किया गया है।
इसका मतलब है कि अब वेबसाइट को ब्राउज़ करने के दौरान यूज़र्स को कोई कोड नहीं इस्तेमाल करना होगा और न ही टिक बॉक्स में टिक करना होगा। इसकी वजह से ब्राउज़िंग के दौरान काफी फायदा मिलेगा। कंपनी की मानें तो कैप्चा कोड को रोबॉट न तो टाइप कर सकता है और न ही समझ सकता है और इसी वजह से गूगल को इंसान और रोबॉट के बीच फर्क पता चल जाता है।
हालांकि इस प्रक्रिया में काफी टाइम लगता था और इसीलिए अब नया कैप्चा कोड लागू किया गया है। यह नया कैप्चा कोड वेबसाइट पर बैकग्राउंड में 0.1 से 1 तक के स्कोर को दर्शाएगा, जिसमें 0.1 खराब स्कोर होगा और 1 अच्छा स्कोर होगा।