कोटा। जीएसटी लागू होने के बाद ट्रेडर्स को अलग -अलग सरकारी महकमों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं रहेगी। हर व्यापारी एवं ट्रेडर्स का एक ही महकमें से सबंध रहेगा। चाहे वह सर्विस टैक्स का हो या एक्ससाइज का हो या सेल्स टैक्स का हो।
यह जानकारी बुधवार को भामाशाह भवन में वाणिज्यिक कर विभाग की और से जीएसटी पर आयोजित सेमिनार में उपायुक्त नरेंद्र गुप्ता ने दी। उन्होंने बताया कि जीएसटी का पूरा स्ट्रक्चर आईटी बेस होगा। श्रीनगर में होने वाली जीएसटी काउन्सिल की बैठक में किस कमोडिटी में क्या रेट रहेगी इसका निर्णय होगा। इस बैठक के बाद व्यापारियों की अनेक शंकाओं का समाधान हो जायेगा।
इससे पहले कोटा ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अविनाश राठी ने कहा कि कृषि जिंसों को जीएसटी से मुक्त रखना चाहिए। क्योंकि कृषि जिंसों पर जीएसटी लगा तो इसका सीधा असर किसानों पर पड़ेगा । वरिष्ठ कर सलाहकार एमएल पाटोदी ने कहा की जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारियों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वेट में पंजीकृत व्यापारियों को भी जीएसटी में माइग्रेशन कराना जरुरी है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि कृषि उत्पादों पर जीएसटी लागू नहीं होगा। सेमिनार में सहायक कर अधिकारी अनुपम शर्मा, सीटीओ शिवेंद्र सक्सेना ने भी जीएसटी के विभिन्न प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।