सर्राफा व्यापारी की फाइल भी चुराई थी कोटा के इनकम टैक्स ऑफिस से

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कोटा। इनकम टैक्स ऑफिस के डिप्टी डायरेक्टर के चैंबर से शनिवार रात 2.24 करोड़ के जेवर चोरी करने वाले बदमाश ऑफिस से एक गोपनीय फाइल भी चुराकर ले गए थे। यह वो ही फाइल है, जो विभाग के अधिकारियों ने तीन व्यापारिक ग्रुप के यहां सर्वे की कार्रवाई के दौरान जब्त की थी।

सोमवार को पुलिस ने इस फाइल को जब्त करके मामले की जांच इस दिशा में शुरू कर दी है। वहीं, सोमवार को तीनों बदमाशों को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां पुलिस को दो दिन का रिमांड मिला हैं। जवाहर नगर सीआई नीरज गुप्ता ने बताया कि पुलिस ने वो फाइल बरामद कर ली हैं।

साथ ही दरवाजा तोड़ने वाले हथियार और वारदात में प्रयुक्त एक स्कूटी भी पुलिस ने जब्त की हैं। गौरतलब है कि संविदा कर्मी कंप्यूटर ऑपरेटर रविंद्र सिंह ने उसके दो साथियों विकास और आशीष ने कमरे की कुंडी तोड़कर डिप्टी डायरेक्टर अर्जुनलाल मीणा के कमरे में घुसे थे।

पुलिस ने मामले में चोरी की धाराएं जोड़ने के साथ ही सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धाराएं भी जोड़ दी हैं। सीआई गुप्ता ने बताया कि 18 अप्रैल से 21 अप्रैल तक विभाग ने कोटा के तीन व्यापारिक ग्रुप के यहां सर्वे की कार्यवाही शुरू की थी।

सर्च की कार्रवाई के दौरान मैसर्स मनोज कुमार कैलाश चंद सर्राफ से संबंधित तीन भाईयों के आवास से 2 करोड़ 93 लाख 75 हजार 806 रुपए के मूल्य की ज्वैलरी जब्त की गई थी। चोरों ने पुलिस का ध्यान भटकाने के लिए फाइल चुराई और फाड़ी थी।

वित्त मंत्रालय और चेयरमैन ले रहे थे पल-पल की जानकारी
इनकम टैक्स विभाग में हुई चाेरी की वारदात प्रदेश में नहीं बल्कि दिल्ली तक पहुंच गई थी। इनकम टैक्स विभाग के चेयरमैन अौर वित्त मंत्रालय पल-पल की जानकारी ले रहे थे। चेयरमैन और वित्त सचिव बार-बार अधिकारियों से फोन पर अपडेट लेते रहे। इसके लिए जयपुर और उदयपुर से अधिकारी वारदात का पता चलते ही कोटा पहुंच गए थे।

अन्वेषण टीम के आयुक्त एम रघुवीर ने कोटा आकर पूरे मामले की जानकारी ली, सोमवार को आईजी विशाल बंसल से भी मिले। इनकम टैक्स विभाग के अन्वेषण विंग के डिप्टी डायरेक्टर एएल मीणा के चैंबर से चोरी का सुबह करीब पौने 5 बजे पता चला। इसके बाद 6 बजे तक सभी अधिकारियों को सूचना दे दी।

उदयपुर से संयुक्त निदेशक एम रघुवीर और जयपुर से प्रिंसिपल डायरेक्टर गजानंद कोटा के लिए रवाना हो गए। चोरी की सूचना जब वित्त मंत्रालय को लगी तो उन्होंने चेयरमैन सुशीलचंद्र व प्रदेश के अधिकारियों से जानकारी लेना शुरू कर दिया। उच्चाधिकारियों का कहना है कि मंत्रालय से चोरी को गंभीरता से लिया था।

वे जेवर रखने व कार्रवाई के बारे में पड़ताल करते रहे। एम रघुवीर ने बताया कि वित्त मंत्रालय से जानकारी मांगी गई थी। विभाग के सूत्रों ने बताया कि आरोपी रविंद्र ने अपने साथियों आशीष व विकास के साथ मिलकर शुक्रवार को वारदात करने के लिए पूरी तैयारी कर ली थी। रविंद्र ने दोनों को बताया था कि इसमें गहने और लाखों रुपए कैश पड़ा है।

लेकिन, शुक्रवार रात ऑफिस में रेड का काम चलता रहा तो वे वारदात नहीं कर पाए। दूसरे दिन रविंद्र ने बताया कि कैश तो जमा करा दिया है, लेकिन जेवर हैं। तब वे पीछे के रास्ते दीवार कूद कर अाए और पीछे बंद पड़े रास्ते से चढ़कर ऊपर पहुंचे और वारदात की।

कैमरे तोड़ने से पहले रविंद्र सामने तक नहीं आया था। चोरी गई ज्वैलरी को लेने के लिए विभाग की ओर से कोर्ट में अर्जी लगाई गई है। अब जब्त ज्वैलरी को वैल्युअर व मालिक के सामने मिलाया जाएगा। चोरी के बाद आरोपियों ने जेवर बांट लिए थे।