जयपुर। टेक्नो-फ्रेंडली युग में राजस्थान के 55 फीसदी सरकारी स्कूलों में बिजली कनेक्शन तक नहीं हैं, यहां कंप्यूटर और इंटरनेट की बात ही छोड़ दीजिए। आखर ज्ञान से जिंदगी रोशन करने के लिए स्कूलों में आने वाले स्टूडेंट सरकारी अंधेरे में पढ़ने को मजबूर हैं।
प्राइमरी स्कूलों के हालात तो और भी चिंताजनक हैं। यहां 90 फीसदी स्कूलों में बिजली नहीं पहुुंची है। प्रदेश के बांसवाड़ा जिले की हालत सबसे बदतर है, यहां 75 फीसदी स्कूलों में बिजली नहीं है। वहीं, झुंझुनूं जिले में (17 फीसदी स्कूल बिजली रहित) स्थिति बेहतर है।
शिक्षामंत्री के जिले में 33% स्कूलों में बत्ती गुल
शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी अजमेर उत्तर से विधायक हैं। अजमेर जिले के 1,785 स्कूलों में से 583 (33%) में बिजली नहीं है। संभाग के 50% स्कूल बिना बिजली चल रहे हैं।
ऊर्जा मंत्री के जिले के स्कूलों में ही ऊर्जा संकट
ऊर्जा राज्य मंत्री पुष्पेंद्र सिंह बाली से विधायक हैं। यह जोधपुर संभाग के पाली जिले में आता है। जिले में 1,760 में से 614 (35%) स्कूलों में बिजली नहीं है। जोधपुर संभाग में यह आंकड़ा 59 फीसदी है।