नई दिल्ली। क्या आपने कभी सोचा है कि आपको फ्री में चैट, ऑडियो और विडियो कॉल करवाने वाली वॉट्सऐप जैसी ऐप्स पैसे कैसे कमाती हैं? भारत में वॉट्सऐप यूज करने वाले लोगों को शायद नहीं पता होगा कि मेसेजिंग ऐप्स केवल बात करने के लिए नहीं है। मेसेजिंग ऐप्स डिजिटल पेमेंट्स, ऑनलाइन शॉपिंग और कॉन्टेंट उपलब्ध कराने जैसी सर्विसेज भी देती हैं।
मेसेजिंग ऐप्स क्या कर सकती हैं इसे समझने के लिए सबसे बेहतरीन उदाहरण है चीन का WeChat। वीचैट के करीब 90 करोड़ मासिक ऐक्टिव यूजर्स हैं। वीचैट के जरिए वे मेसेजिंग के साथ-साथ ग्रॉसरी खरीद सकते हैं, कैब बुक कर सकते हैं, ऑनलाइन खाना ऑर्डर कर सकते हैं, यही नहीं रेस्ट्रॉन्ट्स में ऑफलाइन पेमेंट्स भी कर सकते हैं, इतना सब करने के लिए आपको किसी दूसरी ऐप पर जाना भी नहीं होगा।
ऐसी सर्विसेज यूजर को ऐप से जोड़े रखती हैं और कंपनी के लिए बेहतर रेवेन्यू मॉडल बनाती हैं। चीन के बाहर वीचैट को टक्कर देने वाले वॉट्सऐप, फेसबुक मेसेंजर, स्काइप, वाइबर और लाइन अभी ऐसी सर्विसेज देने के मामले में पीछे हैं, हालांकि कुछ ने इसकी तरफ कदम बढ़ा दिए हैं।
वॉट्सऐप
वॉट्सऐप 130 करोड़ मासिक ऐक्टिव यूजर्स के साथ दुनिया का सबसे बड़ा मेसेजिंग ऐप है। वॉट्सऐप भारत में पिछले हफ्ते ही अपना बिजनस ऐप लॉन्च किया है। एक प्रवक्ता ने बताया, ‘रिसर्च से हमें पता चला कि लोग वॉट्सऐप बिजनस के लिए भी इस्तेमाल कर रहे हैं। हम वॉट्सऐप के जरिए बिजनस करना और आसान बनाना चाहते थे।’
वॉट्सऐप ने अभी तो सर्विस फ्री रखी हैं, लेकिन बिजनस के लिए ऐनालिटिक्स जैसे नए फीचर्स जोड़ने के बाद फी चुकानी पड़ सकती है। कंपनी का बड़ा अजेंडा ऐक्टिव यूजर्स जोड़ने का है जो ऐप पर ज्यादा समय बिताएं और रेवेन्यू मॉडल को मजबूती मिल सके।
रिसर्च फर्म कन्वर्जेंस कैटलिस्ट के फाउंडर जयंत कोला ने बताया, ‘हर टेक्नॉलजी कंपनी कन्ज्यूमर से एंगेजमेंट बनाए रखना चाहती है और ऐप पर बिताए गए समय को बढ़ाना चाहती है। इसे देखते हुए ये कंपनियां अपना विस्तार कर रही हैं और केवल मेसेजिंग ऐप बनकर नहीं रहना चाहतीं।’ वॉट्सऐप भी भारत में पेमेंट्स शुरू करना चाहता है। मेसेजिंग ऐप्स यूजर्स से जुड़ाव बढ़ाना चाहती हैं क्योंकि उन्हें पता है उनकी जगह कोई और आसानी से ले सकता है।
बढ़ते यूजर्स
वॉट्सऐप के लिए भारत सबसे बड़ा बाजार है। इंटरनेट और स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या लगातार बढ़ना मेसेजिंग ऐप्स के लिए अवसर है। वीचैट, लाइन, वाइबर और अन्य मेसेजिंग ऐप्स फेसबुक मेसेंजर और वॉट्सऐप जैसा यूजर बेस नहीं बना पाए हैं।
ओवम के मुताबिक, भारत में मेसेजिंग ऐप्स यूजर्स की संख्या 2020 तक 32 करोड़ पहुंच जाएगी, यह अभी 23 करोड़ के करीब है। इसमें वॉट्सऐप का हिस्सा 20 करोड़ के आसपास है। हालांकि भारत में चैट यूजर्स की ग्रोथ लगातार बढ़ रही है और इंटरनेट, स्मार्टफोन्स के बढ़ने से और बढ़ेगी। फेसबुक मेसेंजर और वॉट्सऐप के मालिकाना हक वाले फेसबुक के मुताबिक, 2017 में विडियो चैट और वॉइट कॉल में काफी तेजी आई है।
देसी हाइक
देसी मेसेजिंग ऐप हाइक के 10 करोड़ रजिस्टर्ड यूजर्स हैं जिसमें से 90 प्रतिशत भारतीय हैं। हाइक चैट के अलावा पेमेंट्स और अन्य सर्विसेज को बिना इंटरनेट के भी उपलब्ध कराएगा। हाइक के फाउंडर कवीन मित्तल ने बताया, ‘हम भारत के वीचैट बनना चाहते हैं।’
कंपनी को 175 मिलियन डॉलर की फंडिंग भी मिली है। हाइक मेसेजिंग ऐप से आगे बढ़ते हुए सरकारी सर्विसेज जैसे आधार, गैस बुकिंग, बीमा, पीएफ, पेंशन स्कीम्स को 12 स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा हाइक ट्रेन की समयसारिणी भी लोगों तक पहुंचाएगा, जिसे रोजाना लाखों भारतीयों को जरूरत पड़ती है।