2017-18 में सरकार ने जीडीपी का अनुमान घटाकर 6.5 फीसदी किया

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नई दिल्ली। देश की जीडीपी ग्रोथ साल 2017-2018 के बीच 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। साल 2016-17 में जीडीपी की ग्रोथ रेट 7.1% थी। सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस (CSO) के द्वारा जारी आंकड़ों से यह बात सामने आई है। नोटबंदी और जीएसटी के बाद अर्थव्यवस्था की खराब हालत का आरोप झेल रही सरकार के लिए यह आंकडे़ किसी झटके से कम नहीं है। नए आकड़ों से अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी होने की अटकलों को बल मिला है।

CSO द्वारा जारी इस वित्त वर्ष के इन आंकड़ों से सरकार के लिए एक अच्छी खबर भी आई। CSO की इस रिपोर्ट में साल 2017-18 के दौरान प्रतिव्यक्ति आय में 5.3 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान जताया गया है। नए आंकड़े में साल 2017-18 के लिए जीवीए यानी ग्रॉस वैल्यू ऐडेड का अनुमान भी घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया गया है।

पहले आरबीआई ने साल 2017-18 के लिए जीवीए के 6.7 होने का अनुमान लगाया था। जीडीपी में से टैक्स को घटाकर जीवीए निकाला जाता है। ताजा आंकड़े देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत नहीं दे रहे हैं। नए आंकड़े सरकार के लिए इसलिए भी चिंताजनक हैं क्योंकि सरकार अब साल 2018-19 के लिए बजट बनाने में लगी हुई है।

इस बीच आए ये आंकड़े सरकार को इस साल के बजट में नई रणनीति अपनाने को मजबूर कर सकते हैं। आपको बता दें कि लगभग 2 महीने पहले सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनस में भारत की रैकिंग में सुधार को लेकर जमकर वाहवाही बटोरी थी, लेकिन ताजा आंकड़े सरकार के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं।