जीएसटी रिटर्न में गलतियां सुधारने के नियम किए आसान

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नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने जीएसटी के तहत कंपनियों और कारोबारियों को अपने मासिक रिटर्न जीएसटीआर-3 बी में गलतियों को दुरस्त करने और टैक्स देनदारी को समायोजित करने की अनुमति दे दी है। इससे कारोबारी सही रिटर्न बिना जुर्माने के डर के जमा करा सकेंगे।

इस छूट से कंपनियों-कारोबारियों को गलती को ठीक करने के बाद टैक्स क्रेडिट के लिए दावा करने का मौका मिलेगा। उनसे शुरुआत में जीएसटी देनदारी की गणना के दौरान इस तरह की गलतियां हुई हैं। देश में 1 जुलाई, 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद कंपनियों को उचित तरीके से टैक्स देनदारी का आकलन करने में दिक्कत आ रही थी।

उद्योग संगठन इस बारे में नियमों में ढील की मांग कर रहे थे और साथ ही अनुपालन के नियमों को सरल करने की मांग कर रहे थे। इससे कंपनियों को ऑनलाइन टैक्स रिटर्न दाखिल करने की नई प्रणाली को अपनाने में आसानी होगी।

केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने हाल में फील्ड अधिकारी को भेजे पत्र में कहा था कि जीएसटीआर-3बी में पिछले महीनों के अलग-अलग आंकड़ों को रिपोर्ट करने का प्रावधान नहीं है। इन आंकड़ों को शुद्ध आधार पर चालू महीने के मूल्य के साथ उचित टेबल में डाला जा सकता है।

इसमें कहा गया है कि आउटपुट टैक्स देनदारी या इनपुट टैक्स क्रेडिट में समायोजन करते समय जीएसटीआर-3बी में किसी तरह की नकारात्मक प्रविष्टियां नहीं हो सकतीं। जीएसटीआर-3बी को कारोबारियों को प्रत्येक महीने के 20वें दिन दाखिल करना होता है। इसमें पिछले महीने में दिए गए टैक्स का ब्यौरा होता है।

ईवाई इंडिया के भागीदार अभिषेक जैन ने कहा कि इस सर्कुलर से उन कारोबारियों को राहत मिलेगी जो अपने जीएसटी रिटर्न फॉर्म में बदलाव करने में परेशानी झेल रहे थे।