Black Pepper: उत्पादन कम होने से इस बार कालीमिर्च के भाव में तेजी एक अनुमान

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नई दिल्ली। Black Pepper: केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल देश में करीब 1.20 लाख टन कालीमिर्च का उत्पादन हुआ और 50 हजार टन के पिछले बकाया स्टॉक के साथ इसकी कुल उपलब्धता बढ़कर 1.70 लाख टन पर पहुंची। इसमें से 1.32 लाख टन की खपत हो गई।

इन आंकड़ों में कालीमिर्च के आयातक निर्यात का जिक्र नहीं किया गया है। मसाला निर्माताओं की जोरदार मांग के कारण कालीमिर्च की घरेलू खपत लगातार घटती जा रही है। चालू वर्ष के लिए कालीमिर्च की आपूर्ति एवं उपलब्धता में मांग तथा जरूरत के मुकाबले भारी गिरावट आने की आशंका व्यक्त की जा रही है। उद्योग-व्यापार क्षेत्र ने 50 प्रतिशत तथा कृषि मंत्रालय ने 70 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान लगाया है।

प्रतिकूल मौसम, जलवायु परिवर्तन एवं वर्षा के पैटर्न में आए बदलाव के कारण अनेक उत्पादक इलाकों में फसल को क्षति हुई है जिससे कालीमिर्च का उत्पादन में वहां 40 से 50 प्रतिशत तक की भारी गिरावट आने की संभावना है। इसके फलस्वरूप विदेशों से इसके आयात पर निर्भरता बढ़ सकती है।

एक वरिष्ठ व्यापार विश्लेषक के अनुसार वर्ष 2024 के दौरान देश में कालीमिर्च का आयात बढ़कर 35,563 टन पर पहुंच गया। ज्यादातर आयात श्रीलंका से हुआ। इस बार वहां भी प्रतिकूल मौसम के कारण कालीमिर्च की फसल को हानि होने की आशंका है जिससे निर्यात के लिए कम स्टॉक बचेगा।

इसके फलस्वरूप भारतीय उद्योग को अपनी मांग एवं जरूरत को पूरा करने के लिए अन्य निर्यातक देशों की तरफ मुड़ने के लिए विवश होना पड़ेगा जिसमें वियतनाम, इंडोनेशिया, थाईलैंड एवं ब्राजील आदि शामिल हैं।

केरल के इडुक्की एवं पठानमथिट्टा जैसे प्रमुख उत्पादक जिलों में कालीमिर्च की नई फसल दिसम्बर 2024 से ही आ रही है जबकि कर्नाटक में अगले कुछ सप्ताहों में इसकी तुड़ाई-तैयारी जोर पकड़ सकती है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार देश में करीब 55 प्रतिशत कालीमिर्च का उत्पादन कर्नाटक में, 40 प्रतिशत का केरल में तथा शेष 5 प्रतिशत का उत्पादन तमिलनाडु एवं अन्य प्रांतों में होता है।