असफलता से घबराने की बजाय सीख लें और आगे बढ़ें, कलेक्टर ने किया छात्रों को मोटिवेट

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कोटा। कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि अच्छी संगत और सोशल मीडिया के सीमित उपयोग से जीवन को सही दिशा दी जा सकती है। सकारात्मकता, आत्मविश्वास और लक्ष्य के प्रति ईमानदार मेहनत सफलता की कुंजी है।

कलेक्टर और आईएएस डॉ रविंद्र गोस्वामी ने कामयाब कोटा अभियान के तहत सोमवार को मोशन के द्रोणा-3 कैम्पस में विद्यार्थियों से संवाद के दौरन उनके सवालों के जवाब दिए और अपने अनुभव साझा किए। इस दौरान मोशन के फाउंडर और सीईओ नितिन विजय ने भी संबोधित किया।

स्टूडेंट्स के सवालों के जवाब में कलेक्टर ने कहा कि अपने अटेंशन स्पान को समझें और छोटे-छोटे टारगेट पर काम करें, तनाव नहीं होगा। पढ़ाई में मन न लगे तो बीच-बीच में ब्रेक लें और अपनी पसंद की एक्टिविटी के लिए समय निकालें, पर्याप्त नींद लें और शरीर को आराम दें।

जिला कलेक्टर ने कहा कि कमजोर विषयों पर अधिक ध्यान केंद्रित करें और खुद को मोटिवेट रखें। अपना मुकाबला खुद से रखो। अपनी तुलना दूसरों से मत करो। सभी की परिस्थितियां अलग-अलग हैं। हमें फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि लोग क्या कह रहे हैं।

एक अन्य छात्र के सवाल के जवाब पर जिला कलेक्टर ने कहा कि अपने शौक जिंदा रखिए। रोजाना कुछ समय भी दीजिए, जिस दिन टेस्ट दो उसके बाद अपने शौक को समय दो। रोजाना 7-8 घंटे पढ़ें और इसके अलावा जो आपको करना है करो। नियमित और अनुशासित मेहनत से आप आसानी से सफल हो सकते हैं।

डॉ गोस्वामी ने कहा कि नोट्स में लिखावट कम होनी चाहिए। नोट्स के लिए तैयारी के दौरान ऐसे की-वर्ड्स लिखो, जिसे देखते ही तुरंत डीटेल याद आ जाए। ट्री, डायग्राम, एरो या ग्राफ्स कुछ ऐसी ट्रिक्स जो नोट्स बनाते समय काम ली जा सकती है। ।

जिला कलक्टर ने सोशल मीडिया के सवाल पर कहा कि सोशल मीडिया उपयोगी हो सकता है। लेकिन अभी आपकी उम्र में और जिस लक्ष्य के लिए आप कोटा आए हैं, उस उद्देश्य में ये आपके दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि आप जिस दिन कामयाब हो जाओगे, खूब फॉलोअर्स मिल जाएंगे। अभी ये बाधा के अलावा कुछ नहीं। हमको वही करना चाहिए जो काम अच्छा हो, क्योंकि अच्छा काम करने के बाद उत्साह मिलता है। बुरा काम करके भारीपन महसूस होता है। हम इंस्टा पर एक घंटा बिताने के बाद जब सोचते हैं तो लगता है, एक घंटा खराब हो गया, इसलिए यह गलत है।

विद्यार्थियों को मोटिवेट करते हुए डॉ रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि इम्तिहान जीवन का हिस्सा है, पूरा जीवन नहीं। इसलिए असफलता से घबराने की बजाय उससे सीख लें और आगे बढ़ें। मैं फेल होकर पास होने वाला परफेक्ट एग्जांपल हूं। प्री मेडिकल एग्जाम पीएमटी, प्रीपीजी, आर्मी कैप्टन, यूपीएससी सभी एग्जाम में पहली बार में मुझे सफलता नहीं मिली। सबमें दूसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की।