हमारी करेंसी गोल्ड के साथ कनेक्ट नहीं -अनिल बोकिल

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सेमिनार में नोटबंदी के बारे में जानकारी देते अर्थक्रांति एनजीओ अनिल बोकिल।

कोटा। हमारी करेंसी गोल्ड के साथ कनेक्ट नहीं हैं। यह कॉन्सेप्ट तो 1954 में ही समाप्त हो चुका है। यह खुलासा अर्थ क्रांति के चाणक्य अनिल बोकिल ने यहाँ सोमवार को किया। वे यहाँ पुरुषार्थ भवन में दी एसएस आई एसोसिएशन की ओर से आयोजित सेमिनार को सम्बोधित कर रहे थे।

 बोकिल ने कहा नोट सिर्फ कागज का टुकड़ा है, जो एक लीगल टेंडर है। दुनिया की सबसे बड़ी करेंसी अमेरिकन डॉलर भी गोल्ड का साथ कनेक्ट नहीं है। डॉलर की कॉस्ट आती है 15 सेंट और भारत में 2000 के नोट की लागत आती है 3.60 रुपये।

 उन्होंने बताया कि देश में नोटबंदी चार कारणों से की गई थी। उनमें से पहला कारण आतंकवाद पर रोक लगाना, दूसरा नकली करेंसी रोकना, तीसरा ब्लैक मनी बाहर निकलना और चौथा कारण नॉट पर वोट पर लगाम लगाना। उन्होंने कहा कि पैसा कभी भी पर्सनल असेट नहीं होता। वह सोशल असेट होता है। करेंसी हाइसेन्स प्रोडक्ट होता है। सरकार का क्लीन रेवेन्यु सोर्स टैक्स होता है।

एक-एक कर हटाए जाने थे नोट
बोकिल ने बताया कि यह सही है कि मोदी सरकार को नोटबंदी की सलाह दी थी, परन्तु सरकार ने जिस तरह नोटबंदी की, इस तरह की सलाह नहीं दी। सुझावों के मुताबिक तीन चरणों में नोटबंदी की जानी थी । पहले चरण में 1000, फिर 500 और उसके बाद 100 के नॉट बंद होने थे। लेकिन सरकार ने काले धन को खत्म करने के लिए ये साथ यह कदम उठा लिया।

बीटीटी का सुझाव
उनका कहना था कि सरकार को बीटीटी यानी बैंकिंग ट्रांजेक्शन पर दो प्रतिशत टैक्स का प्रस्ताव दिया था। ताकि कर सुधारों के जरिये सरकार के पास पर्याप्त पैसा पहुंचे। सरकार के पास पर्याप्त पैसा पहुंचेगा तो वह लोगों को ब्याज मुक्त ऋण दे सकेगी। उन्होंने बताया की नोटबंदी से सरकार के पास 130% धन वापस पहुँच गया है। 

आठ की जगह छह घंटे काम
उन्होंने कहा कि हमारे देश में खून- पसीना कागज के टुकड़ों में बर्न हो रहा है। खास तौर पर प्राइवेट सेक्टर में। देश की सबसे बड़ी गंभीर समस्या है बेरोजगारी। इसका हल है सभी संस्थानों में काम के घंटे आठ से घटाकर छह कर देने चाहिए। इससे कामगारों की क्रिएटिविटी निखरेगी और प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी। देश की जीडीपी बढ़ेगी।

सेमिनार में दी एसएसआई एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंदराम मित्तल, एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम जे भाटिया, सचिव राजकुमार जैन, लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष ताराचंद गोयल, सचिव अचल पोद्दार, श्रीराम रेयन्स के यूनिट हेड वीके जेटली, डॉ. विजय सरदाना समेत कई उद्यमी मौजूद थे।