कोटा। Pollution in Kota: अंतर्राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर आयोजित एक संगोष्ठी में राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी अमित सोनी ने बताया कि कोटा में औद्योगिक प्रदूषण मात्र 2 प्रतिशत है। अन्य प्रकार के जल और वायु प्रदूषण 98 प्रतिशत है।
चम्बल नदी में आधा सीवरेज वाटर बिना शोधित किए हुए सीधा बहाया जा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा है कि चम्बल शुद्ध रहे। उन्होंने नदी प्रदूषण पर बाबूलाल जाजू की एनजीटी में चल रही याचिका के बारे में कहा कि कोटा में चल रहे सीवरेज सुधार के बाद चम्बल में प्रदूषण का स्तर कम हो जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर सोमवार को चम्बल संसद एवं कोटा एनवायरमेंटल सैनिटेशन सोसायटी के पदाधिकारी एवं मंडल के अधिकारियों के बीच आयोजित एक संगोष्ठी में पर्यावरणविदों ने शहर में बढ़ रहे प्रदूषण पर चिंता व्यक्त की। कचरे में आग लगाने एवं डंपिंग यार्ड में निरंतर आग लगे पराली जलाने के अलावा चम्बल में खतरनाक स्थिति तक प्रदूषण फैलने से रोकने के उपायों पर सकारात्मक सुझाव नियंत्रण मंडल को दिए।
मंडल के अधिकारियों ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए किया जा रहे उपायों एवं राष्ट्रीय हरित न्यायालय में चंबल को लेकर चल रहे विवाद पर ताजा रिपोर्ट की भी जानकारी दी। कोटा में पौधारोपण की स्थिति बिगड़ने पर भी पर्यावरण प्रेमियों ने चिंता जताई और कहा कि शहर में पौधारोपण की स्थिति नगण्य होती जा रही है।
चंबल संसद के संयोजक बृजेश विजयवर्गीय ने बताया कि संसद के संरक्षक यज्ञदत्त हाडा, सचिव डॉक्टर विनीत महोबिया, मनोज यादव एवं मनीषा कंवर ने पर्यावरण संबंधी सुझावों पर चर्चा में भाग लिया।
स्मृति वन, लवकुश वाटिका की उपेक्षा पर चिंता जताई
स्मृति वन सलाहकार समिति अनंतपुरा ने लवकुश वाटिका एवं स्मृति वन की उपेक्षा पर गहरी चिंता जताते हुए वन विभाग के उच्च अधिकारियों से अनुरोध किया है कि इस पर तत्काल ध्यान दिया जाए। अंतर्राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर स्मृति वन का अवलोकन करते हुए चंबल संसद के अध्यक्ष के बी नंदवाना, संरक्षक जीडी पटेल, समिति अध्यक्ष बृजेश विजयवर्गीय ने बताया कि स्मृति वन एवं लवकुश वाटिका की हालत ठीक नहीं है। पेड़ पौधों को भी नुकसान हुआ है।