सोरिसो। मध्यवर्ती ब्राजील में किसान सोयाबीन की बिजाई के लिए व्याकुल हो रहे हैं मगर शुष्क एवं गर्म मौसम तथा खेतों की मिटटी में नमी का अभाव होने के कारण उन्हें बिजाई शुरू करने का अवसर नहीं मिल रहा है।
किसानों को नमी का अंश सुधरने तक बिजाई के लिए इंतजार करना पड़ेगा। ब्राजील के सबसे प्रमुख कृषि उत्पादक राज्य- माटो ग्रोसो में सोयाबीन की अगैती खेती होती है और सितम्बर के अंत तक काफी बड़े क्षेत्र में इसकी बिजाई पूरी हो जाती है लेकिन इस बार बिजाई में देर हो रही है।
वैसे यह आवश्यक नहीं है कि बिजाई में विलम्ब होने पर फसल की उपज दर पर नकारात्मक असर पड़े लेकिन बेहतर उत्पादकता एवं अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए आगामी महीनों के दौरान जितना विलम्ब होगा उसकी कटाई-तैयारी में भी उतनी ही देर हो जाएगी जिससे वहां सफरीन्हा मक्का की बिजाई पर असर पड़ सकता है क्योंकि सोयाबीन फसल की कटाई के बाद सफरीन्हा मक्के की बिजाई शुरू होती है।
इस मक्के के साथ वहां कपास की खेती भी की जाती है। इन दोनों फसलों की बिजाई का आदर्श समय सीमित होता है और इसलिए किसानों को उसमें जल्दबाजी दिखानी पड़ती है। मालूम हो कि ब्राजील में 70-75 प्रतिशत मक्का का उत्पादन सफरीन्हा सीजन के दौरान होता है।
कृषि विशेषज्ञ किसानों को सलाह दे रहे हैं कि सूखे खेतों में सोयाबीन की बिजाई न करें अन्यथा उसे उसकी दोबारा बिजाई के लिए विवश होना पड़ सकता है। इससे उत्पादन खर्च में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हो जाएगी। एकाध बारिश होने तक किसानों को संयम से काम लेने को कहा गया है। कम नमी वाले क्षेत्रों में सोयाबीन की थोड़ी-बहुत खेती की जा सकती है ताकि ज्यादा नुकसान न हो और फसल सही समय पर तैयार हो जाए।