कोटा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला रविवार को अखिल राजस्थान सनाढ्य ब्राह्मण महासभा द्वारा आयोजित गुरू वशिष्ठ प्राकट्य महोत्सव में सम्मलित हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्पीकर बिरला ने कहा गुरु के बिना ज्ञान नहीं होता और ज्ञान के बिना जीवन निरर्थक होता है।
महर्षि वशिष्ठ का जीवन दर्शन संसार को यह बताने के लिए पर्याप्त है कि भारतीय परंपरा का विस्तार शून्य से लेकर अनंत तक है। अयोध्या के राजकुमार के भगवान राम बनने की यात्रा में गुरू वशिष्ठ जी की शिक्षा-दीक्षा का अहम योगदान है।
भारतीय परंपरा में, यहां के इतिहास में ऐसे कई अनगिनत प्रसंग हैं, जिनका स्मरण करने से हमारा सिर श्रद्धा से झुक जाता है। महर्षि वशिष्ठ की कथा भी एक ऐसा ही प्रसंग है। स्पीकर बिरला ने कहा कि महर्षि वशिष्ठ का जीवन हमें अपने कर्तव्य के रास्ते पर चलकर ऊंचाइयां छूने की सतत प्रेरणा देता है। गुरू वशिष्ठ प्राकट्य महोत्सव का सनाढ्य ब्राह्मण महासभा का यह उत्सव युवा पीढ़ी को भी संस्कृति और परंपराओं से जुड़ने के लिए प्रेरित करेगा।
परम्पराओं से प्रेरणा ले युवा शक्ति : संदीप शर्मा
विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि भारत ऋषि मुनियों की तपोभूमि है, हमारा सौभाग्य है कि हमने इस पवित्र भूमि पर जन्म लिया। जब-जब राष्ट्र पर विपत्ति आई, हमारे गुरूजनों ने समाज को दिशा दिखाने का काम किया है। हमारे सामूहिक प्रयास होने चाहिए कि समाज क्षमतावान और समृद्ध बने। देश के विकास में हमारा सार्थक सहयोग हो। हमारा भारत धन-धान्य और हर तरह के संसाधनों से भरा हुआ है। युवा शक्ति यदि अपनी परंपराओं से प्रेरणा लेकर भारत को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने का संकल्प कर ले, तो हमें प्रगति और विकास के हर एक क्षेत्र में नंबर वन होने से कोई नहीं रोक सकता।