अगस्त में शाकाहारी थाली की कीमत 8% घटी, जबकि मांसाहारी में 12% कमी

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नई दिल्ली। अगस्त 2024 में घर पर थाली तैयार करने की लागत में सालाना और मासिक, दोनों आधार पर जबरदस्त गिरावट आई है। क्रिसिल के रोटी राइस रेट इंडेक्स के मुताबिक, शाकाहारी (वेज) थालियों की कीमत में सालाना आधार पर (Y-o-Y) 8 प्रतिशत की कमी आई, जबकि मांसाहारी (नॉन-वेज) थालियों में यह कमी 12 प्रतिशत रही।

क्रिसिल की लेटेस्ट मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स (MI&A) रिसर्च के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से घरेलू भोजन के लिए जरूरी वस्तुओं जैसे टमाटर, वनस्पति तेल (vegetable oil), और मसालों की कीमतों के कम होने की वजह से आई। ईंधन की कम लागत और ब्रॉयलर की कीमतों में भी गिरावट ने थाली की लागत को और कम किया।

एक शाकाहारी थाली की लागत का लगभग 14 प्रतिशत टमाटर की लागत से तय होता है। टमाटर की कीमत में गिरावट ने थाली की कीमतों में गिरावट के लिए अहम भूमिका निभाई। टमाटर की कीमतों में सालाना आधार पर (यानी पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले) 51 प्रतिशत की गिरावट आई, जो अगस्त 2023 में 102 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर अगस्त 2024 में 50 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। इस तेज गिरावट की वजह दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों से आई नई सप्लाई को माना जाता है।

लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस (LPG) सिलेंडरों की कीमत में भी भारी कमी आई, जिससे थाली की कुल लागत और कम हो गई। मार्च 2024 में दिल्ली में 14.2 किलोग्राम LPG सिलेंडर की कीमत 803 रुपये थी, जो अगस्त 2023 के 1,103 रुपये के मुकाबले 27 प्रतिशत कम थी।

अन्य सामग्रियां जैसे वनस्पति तेल, मिर्च और जीरा की हिस्सेदारी वेज थाली की कुल लागत का 5 प्रतिशत से भी कम है। इनकी कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई। वनस्पति तेल की कीमत में 6 प्रतिशत, मिर्च में 30 प्रतिशत और जीरे में 58 प्रतिशत की गिरावट आई।

ब्रॉयलर की कीमतें: नॉन-वेज थाली की कीमत में अधिक गिरावट आई, जिसका मुख्य कारण ब्रॉयलर की कीमतों में 13 प्रतिशत की कमी थी, जो नॉन-वेज भोजन की लागत का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा बनाती हैं।

मासिक आधार पर यानी पिछले महिने के मुकाबले इस महीने थालियों की लागत में कमी आई। जहां वेज थाली की कीमत जुलाई से अगस्त 2024 के बीच 4 प्रतिशत और नॉन-वेज थाली की कीमत 3 प्रतिशत घटी। ऐसा मुख्य रूप से टमाटर की कीमतों में और कमी के कारण हुआ, जो जुलाई में 66 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर अगस्त में 50 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई।

नॉन-वेज थाली की कीमत में कमी का एक और कारण ब्रॉयलर की कीमतों में 1-3 प्रतिशत की गिरावट थी, जो श्रावण माह के दौरान आमतौर पर कम हो जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस महीने में धार्मिक कारणों से लोग नॉन-वेज खाने की खपत कम करते हैं। हालांकि, आलू की कीमतों में 2 प्रतिशत और प्याज की कीमतों में 3 प्रतिशत मासिक वृद्धि ने थाली की कीमतों में और कमी को सीमित किया।