क्या पश्चिम बंगाल में लगेगा राष्ट्रपति शासन, द्रौपदी मुर्मू और शाह से मिले राज्यपाल

0
11

नई दिल्ली। President’s Rule in west Bengal: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना को लेकर पूरे देश में आक्रोश है। वहीं बर्बर घटना के बाद अस्पताल में भीड़ के हमले और तोड़फोड़ से भी बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।

वहीं पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की जमकर आलोचना भी हो रही है। यहां तक कि टीएमसी के अंदर भी मामले को लेकर विरोध के स्वर मुखर होने लगे। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंदबोस भी रेप और हत्या की बर्बर घटना को लेकर ऐक्शन मोड में हैं।

राज्यपाल मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात की। ऐसे में पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन के भी कयास तेज हो गए हैं।

अब नजर इसपर रहेगी कि राज्यपाल सीवी आनंदबोस क्या रिपोर्ट देते हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार से मामले को लेकर तीन रिपोर्ट मांगी गई थी। हालांकि अब तक एक ही रिपोर्ट मिली है। उन्होंने कहा कि यह मामला पूरे समाज के लिए कलंक है और लोग सड़कों पर उतर चुके हैं।

समाज डरा हुआ है और सरकार इसे संभाल नहीं पा रही है। बीजेपी पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग कर रही है। इसको लेकर जब राज्यपाल से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मांग तो मांग होती है। जो भी फैसला लिया जाएगा सोच समझकर और राज्य के हित में लिया जाएगा।

बर्बर घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच भी आज सुनवाई करने वाली है।सुप्रीम कोर्ट ने घटना का स्वतः संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट में तीन पत्र याचिकाएं दायर कर कहा गया था कि सीजेआई को मामले का स्वतः संज्ञान लेकर जरूरी आदेश देने चाहिए।

बता दें कि मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर भी सीबीआई शिकंजा कसा जा रहा है। उनपर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया गया है। सीबीआई ने तीन दिन संदीप घोष से पूछताछ की। आरोप यह भी है कि घटना के बाद उन्होंने कर्मचारियों के साथ मीटिंग की थी और इसपर किसी तरह पर्दा डालने का प्लान बनाया था।

अब तक इस मामले में क्या हुआ
कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमीनार हॉल में महिला डॉक्टर के साथ रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले में आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया था जो कि ट्रैफिक पुलिस वॉलंटियर था। आरोपी का साइकोलॉजिकल टेस्ट भी दो दिन किया गया है। वहीं पुलिस जब मामले को हैंडल नहीं कर पाई तो यह केस सीबीआई को सौंप दिया गया है और हाथरस मामले में जांच करने वाली अधिकारियों को इसका जिम्मा दिया गया है।

सीबीआई अब तक 20 से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर चुकी है। वहीं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से 36 घंटे पूछताछ हुई। घटना के बाद ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया था। आरजी अस्पताल में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।

वहीं देशभर में मामले को लेकर आक्रोश है और डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगहों पर ओपीडी बंद हैं। वहीं इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) ने सरकार से पांच मांगें रखी हैं जिसमें डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित किया जाना शामिल है।