राज्यसभा से विपक्ष का वॉकआउट, पीएम बोले- पेपर लीक के दोषियों को छोड़ेंगे नहीं

0
8

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया। 1 घंटा 50 मिनट की स्पीच में प्रधानमंत्री ने NEET, मणिपुर संविधान, कांग्रेस, पश्चिम बंगाल, रोजगार, भ्रष्टाचार, CBI-ED, फेडरलिज्म, इमरजेंसी, जम्मू-कश्मीर, इंदिरा, राहुल, दलितों पर बोले।

प्रधानमंत्री जब 32 मिनट बोल चुके थे, तब विपक्ष के नेताओं ने सदन से वॉकआउट किया। वॉकआउट प्रधानमंत्री द्वारा सोनिया गांधी पर निशाना साधने के बाद हुआ। उन्होंने कहा- ये लोग ऐसे हैं, जो ऑटो पायलट और रिमोट पायलट पर सरकार चलाने के आदी हैं। वे काम करने में विश्वास नहीं रखते, वे बस इंतजार करना जानते हैं।

इस पर उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ बोले- ये लोग मुझे नहीं, संविधान को पीठ दिखा रहे हैं। PM ने कहा- कल उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं, इसलिए वे मैदान छोड़कर भाग गए। नारे लगाना, चिल्लाना और भाग जाना, यही उनकी नियति है।

मोदी के भाषण की 10 खास बातें

पेपर लीक पर
पेपर लीक एक बड़ी समस्या है। मेरी इच्छा थी, सारे दल इस पर अपनी राय रखते। लेकिन यह मुद्दा भी इन्होंने राजनीति की भेंट चढ़ा दी। मैं देश के नौजवानों को आश्वस्त करता हूं कि आपको धोखा देने वालों को यह सरकार छोड़ने वाली नहीं है। इन्हें सख्त सजा मिले, इसलिए एक के बाद एक एक्शन लिए जा रहे हैं। हमने इसके लिए सख्त कानून बनाया है।

मणिपुर हिंसा पर
मणिपुर में लगातार हिंसक घटनाएं कम हो रही हैं। स्कूल कॉलेज दफ्तर और अन्य संस्थान चल रहे हैं। मणिपुर में भी परीक्षाएं हुई हैं। जो भी तत्व मणिपुर की आग में घी डाल रहे हैं, एक समय आएगा जब मणिपुर उन्हें रिजेक्ट कर देगा। जो लोग मणिपुर के इतिहास जानते हैं, उन्हें पता है कि वहां सामाजिक संघर्ष का इतिहास रहा है। इन्हीं कारणों से मणिपुर में 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा। मैं इस सदन में देश को बताना चाहता हूं कि 1993 में मणिपुर में ऐसी ही घटनाएं हुई थीं, जो 5 साल चली थीं। यह इतिहास समझकर हमें स्थितियों को ठीक करना है।

कांग्रेस पर
बहुत सी पार्टियां उनके (कांग्रेस के) साथ बैठी हैं, वह अल्पसंख्यकों की हितैषी होने का दावा करती हैं। वे मुजफ्फरनगर तुर्कमान गेट पर क्या हुआ, उसको क्लीन चिट देती है। ऐसे लोग हाथ में संविधान की कॉपी लेकर अपने काले कारनामे छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।

कई छोटे दल उस समय लड़े और अपनी जमीन बनाई। आज वे कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं। अब कांग्रेस का परजीवी युग शुरू हो चुका है। जहां अकेले लड़े, वहां जीरो रहे। जहां किसी की आड़ में आए, वहां फले-फूले। जनता का विश्वास जीतने के लिए इनके पास कुछ नहीं है। वे सिर्फ फेक नरेटिव और फेक वीडियो से जनता को गुमराह करते हैं।

इमरजेंसी पर
आपातकाल एक राजनीतिक संकट नहीं था। लोकतंत्र संविधान के साथ-साथ एक मानवीय संकट भी था। अनेक लोगों की मौत हुई। जय प्रकाश नारायण की हालत ऐसी थी कि वे जेल से आकर कभी ठीक नहीं हो पाए। वो दिन ऐसे थे, जो कुछ लोग घर से निकले वे लौटकर नहीं आए। उनके शव तक नहीं मिले। उनको 200-500 साल की बात करने का तो हक है। इमरजेंसी की बात करने पर नाराज होते हैं, कहते हैं वो पुरानी बात है। उनके साथ कुछ ऐसे लोग बैठे हैं, जो इमरजेंसी के भुक्तभोगी है। यह अवसरवादी लोग हैं।

भ्रष्टाचार पर
जिन्हें सजा मिली है, उनके साथ ये (कांग्रेस नेता) तस्वीरें निकाल रहे हैं। जब भ्रष्टाचारी जेल जा रहे हैं तो ये हंगामा कर रहे हैं। यहां केंद्रीय जांच एजेंसियों पर आरोप लगाए कि सरकार इनका दुरुपयोग कर रही है। भ्रष्टाचार करे आम आदमी पार्टी (AAP), शराब घोटाला करे AAP, बच्चो के काम में घोटाला करे AAP। AAP की शिकायत करे कांग्रेस और AAP को कोर्ट में ले जाए कांग्रेस। कार्रवाई हो तो गाली मोदी को। अब AAP और कांग्रेस साथी बन गए हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई चुनाव के लिए नहीं लड़ता, ये मेरा मिशन है।

जम्मू-कश्मीर पर
जम्मू कश्मीर में मतदान के आंकड़ों ने पिछले 4 दशक के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। यह भारत के संविधान और लोकतंत्र को स्वीकृति देते हैं। देशवासी जिस पल की प्रतीक्षा करते थे, वो आज सहज है। पहले बंद-हड़ताल, आतंकी धमकियां, धमाके की कोशिशें होती थीं। इस बार लोगों ने संविधान पर विश्वास जताकर अपने भाग्य का फैसला लिया है।

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई अंतिम चरण मे है। हम आतंक के बचे हुए नेटवर्क को नेस्तनाबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। आतंकी घटनाओं में गिरावट आई है। पत्थरबाजी की खबरें अब शायद ही आती हैं। वहां टूरिज्म रिकॉर्ड बना रहा है।

जांच एजेंसी पर
2013 में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि कांग्रेस से लड़ना आसान नहीं है। जेल में डाल देगी, CBI पीछे लगा देगी। मैं रामगोपाल जी से पूछना चाहता हूं कि क्या नेताजी झूठ बोलते थे। रामगोपाल जी, अपने भतीजे भी यह याद दिलाएं कि राजनीति में कदम रखते ही उनके पीछे CBI लगी थी। 2013 में प्रकाश करात ने कहा था कि कांग्रेस CBI का दुरुपयोग करती है। यूपीए सरकार के वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि CBI पिंजरे में बंद तोता है, जो मालिक की आवाज में बोलता है।

संविधान पर
मैंने दो दिन में कई वरिष्ठ नेताओं की बात सुनी, पूरे देश को निराशा हुई। कहा गया कि ये पहला चुनाव था, जिसमें संविधान की रक्षा का मुद्दा था। क्या आप 1977 का चुनाव भूल गए? तब अखबार रेडियो बंद थे और देश ने संविधान की रक्षा के लिए वोट दिया था। आपातकाल को मैंने करीब से देखा है, लोगों को प्रताड़ित किया गया। लोकसभा का कार्यकाल 5 साल है लेकिन तब 7 साल चलाया गया। यह कौन सा संविधान है। दर्जनों आर्टिकल यानी संविधान की आत्मा को छिन्न भिन्न करने का काम इन लोगों ने उसकाल खंड में किया। आपके मुंह में संविधान की रक्षा शब्द अच्छा नहीं लगता।

महिलाओं के लिए
हम विमन लेड डेवलपमेंट की बात करते हैं तो विश्व के नेता चौंक जाते हैं। महिलाओं का योागदान भारत की विकास यात्रा में दिखता है। टॉयलेट, सेनेटरी पेड, गैस कनेक्शन का फायदा देश को मिला है। हमने जो 4 करोड़ घर बनाए हैं, उनमें से ज्यादातर महिलाओं के नाम कराए। सुकन्या समृद्धि जैसी योजनाओं से महिलाओं की भूमिका भी बढ़ी है, हिस्सेदारी भी बढ़ी है। महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा, उनकी आय भी बढ़ी। नई तकनीक महिलाओं के नसीब मे आखिर में आती है, हमारा लक्ष्य है, कि नई तकनीक पहले महिलाओं के हाथ लगे। नमो ड्रोन योजना इसका उदाहरण है।

सरकार के काम, विकास पर
आने वाले 5 साल गरीबी के खिलाफ लड़ाई के निर्णायक हैं। जब देश दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनेगा तो इसका लाभ और प्रभाव जीवन के हर क्षेत्र पर पड़ने वाला है। विकास के अनेक अवसर मिलने वाले हैं। आने वाले कालखंड में हम नए स्टार्टअप और नई कंपनियों को देख रहे हैं।

MSP से किसानों को लाभ पहुंचाया। बीज से बाजार तक हमने किसनों के लिए हर व्यवस्था को मजबूत किया। हमारी नीतियों के कारण किसान क्रेडिट कार्ड के विस्तार के कारण हमने किसानी को व्यापक स्वरूप में देखा है। किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ मछुआरों को भी मुहैया कराया।