बड़े मथुराधीश मंदिर पर मना गंगा दशहरा, प्रभु के जल विहार का हुआ मनोरथ

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कोटा। शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्री बड़े मथुराधीश मंदिर पर रविवार को गंगा दशहरा मनाया गया। प्रभु के निज मंदिर के बाहर तिबारी में घुटनों तक जल भरा गया। विभिन्न प्रकार के इत्र, फूलेल और अन्य शीतल और सुगंधित पदार्थ डाले गए। इस जल में मथुराधीश प्रभु जलक्रीड़ा करने पधारे तो भक्तों ने जयकारों से मंदिर परिसर गूंजा दिया।

भगवान के सामने पानी में कछुए और मगरमच्छ जैसे लकड़ी के खिलौने और कमल जैसे खूबसूरत फूल भी तैराए गए। गोस्वामी भक्तों ने गोपी के भाव में प्रभु के समक्ष जल क्रीड़ा के भाव से भाग लिया। आरती भी मंगला तिबारी में ही की गई। इस दौरान मुख्य द्वार पर हल्दी का मंडन किया गया। आम के पत्तों की वंदन माला सजाई गई। झारीजी में यमुना जी का जल भरा गया। डोल तिबारी में सभी दिशाओं में कुंज के भाव में केले के पत्ते व तने रखे गए।

प्रभु का विग्रह स्वरुप हीरे, तुलसी और सफेद फूलों की माला, मोती के वेणु जी, कमल छड़ी में आकर्षक लग रहा था। प्रभु को खरबूजे का भोग लगाया गया। कच्चे खरबूजे की सब्जी, खरबूजे का रायता आरोगाए गए। बीज सकोरे सोने के कटोरे में रखे गए।

प्रभु के दर्शनों के लिए भक्तों की लंबी लाइनें लगी थीं। मंदिर में कीर्तन किए जा रहे थे। इस दौरान पनघट जल विहार पद गाए जा रहे थे। “नमो देवी यमुना.. क्षीर समीरे यमुना तीरे.. कृपा रस नैन कमल दल.. उछल बेग राधिका प्यारी.. सरीखे पद पर भक्त झूम उठे।

निर्जला एकादशी मंगलवार को
प्रथम पीठ युवराज गोस्वामी मिलन कुमार बावा ने बताया कि मथुराधीश मंदिर पर निर्जला एकादशी मंगलवार को मनाई जाएगी। जिसमें प्रभु के नौका विहार के मनोरथ के दर्शन शाम 6:30 बजे के बाद सेवाअनुकूल समय में होंगे।