कोटा के होस्टल की लापरवाही और पिता की शव कफ़न में लिपटा कर ले जाने की मजबूरी

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-कृष्ण बलदेव हाडा-
Coaching Student Suicide: तीन बच्चों के पिता विजयपाल हरियाणा के रोहतक में अपनी फ़ेब्रिकेशन की दुकान पर कड़ी मेहनत करके न केवल अपने परिवार को पाल रहे थे। उन्होंने अपने सबसे बड़े बेटे सुमित को नीट की तैयारी करने के लिए कोचिंग को राजस्थान की कोचिंग सिटी कहे जाने वाले कोटा के सुनामधन्य बड़े कोचिंग संस्थान में कोचिंग के लिए भेजा हुआ था, ताकि वह कुछ बन जाए।

लेकिन नियती को कुछ और ही मंजूर था और पांच मई को नीट की परीक्षा हो जाने के बाद जिस सुमित को वे कोटा आकर लिवा ले जाने वाले थे, उसने न जाने ऎसा क्या घटा कि परीक्षा से पहले ही फांसी के फंदे से लटक कर अपनी ईहलीला समाप्त कर ली और अब पिता विजयपाल को अथाह गम के साये में रंगबिरंगे सपने संजोकर कोटा आए सुमित को सफ़ेद कफ़न में वापस ले जाना पड़ रहा है।

कोचिंग छात्र सुमित की आत्महत्या की वजह कुछ भी रही हो लेकिन, एक बार फिर से कोटा के होस्टल संचालक की लापरवाही सामने आई है। क्योंकि कोटा में कुन्हाड़ी इलाके की लैंडमार्क सिटी के जिस होस्टल के कमरे में रह कर सुमित नीट की कोचिंग कर रहा था और जिस की छत पर लगे पंखे से लटक कर उसने आत्महत्या की, उसके उस कड़े के हैंगिग ड़िवाइस ही नहीं लगा था।

हालांकि किसी को आत्महत्या करने से रोकने के लिए ऎसा हैगिंग डिवाइस लगा होना मुकम्मल वजह नहीं हो सकती। लेकिन जब राज्य सरकार और जिला प्रशासन का ऎसा हैगिंग डिवाइस लगाने का सभी होस्टल संचालकों को सख्त निर्देश है तो उन्हें तो इसकी पालना करनी ही चाहिए। एक बार फिर इस आदेश की अवमानना की गई और प्रशासन ताकता रह गया।

यहां यह दुर्भाग्यजनक दुर्योग है कि इस होस्टल के 12 में से 10 कमरों में यह हैंगिग डिवाइस लगा हुआ था लेकिन जिन दो कमरों में यह हैगिंग डिवाइस नहीं था, उनमें से एक सुमित का भी था।

कोचिंग छात्र सुमित के आत्महत्या करने के बाद कोटा पुलिस की सूचना पर उसका शव लिवा ले जाने के लिए यहां पहुंचे उसके परिवारजन तो इस दुर्भाग्यशाली घटना से इतने आहत थे कि वो तो यह मानने को भी तैयार नहीं है कि सुमित आत्महत्या भी कर सकता है। सुमित के उत्तेजित काका ने तो इसे आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या बताते हुए विशेष जांच दल (एस आई टी) से इसकी जांच करवाने की मांग की है ताकि सुमित की दुखद मृत्यु की जिम्मेदारी तय हो सके।

पिता विजयपाल और दादा रामकुमार पांचाल इस बात से स्पष्ट इंकार करते हैं कि सुमित पर पढ़ाई को लेकर कोई दबाव था। उससे अक्सर फ़ोन पर बातचीत होती रहती थी और उसने कभी किसी मानसिक परेशानी का जिक्र तक नहीं किया। ऎसे में वह आत्महत्या कैसे कर सकता है? वैसे भी 5 मई को नीट की परीक्षा के बाद तो परिवार का कोई न कोई सदस्य उसे लेने के लिए कोटा आने ही वाला था। ऎसे में अचानक आत्महत्या करना समझ के परे है।

उधर पुलिस का कहना है कि कोटा के कुन्हाडी थाना क्षेत्र की लैंड़मार्क सिटी के एक निजी होस्टल में रविवार को देर शाम बाद किसी समय फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली जिसका पता उस समय लगा जब मृतक छात्र हरियाणा के रोहतक निवासी सुमित के घर वालों ने कल अवकाश का दिन होने के कारण जब फ़ोन किया तो बार-बार फ़ोन करने पर भी उसने फ़ोन नहीं उठाया।

परिवारजनों के इस बारे में होस्टल के प्रबंधक को सूचित किए जाने पर जब उसने जाकर देखा तो छात्र सुमित कमरे की छत पर लगे पंखे से लटका हुआ मिला।सूचना दिए जाने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने कोचिंग छात्र के शव को देर रात कोटा के एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया और परिवारजनों को सूचना दी जिनके कोटा आने के बाद ही शव को पोस्टमार्टम करवाकर उसके सुपुर्द किया जाएगा।

पुलिस की प्रारम्भिक जांच में भी यह सामने आया है कि जिस होस्टल के छत पर लगे पंखे से लटककर सीमित ने आत्महत्या की थी, उसके कड़े पर ऎसी घटनाओं को रोकने के लिए हैंगिंग डिवाइस नहीं लगा हुआ था जिसे लगाना राज्य एवं जिला प्रशासन ने अनिवार्य किया हुआ है।

कुन्हाड़ी पुलिस ने आत्महत्या का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है लेकिन अभी कोचिंग छात्र के आत्महत्या करने के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। कोचिंग छात्र के होस्टल के कमरे से मृत्यु पूर्व लिखा कोई पत्र भी बरामद नहीं होने से आत्महत्या की स्पष्ट वजह भी सामने नहीं आई हैं।