नई दिल्ली। Turmeric price: हल्दी की नई फसल की आवक जोर पकड़ रही है। जिससे इसके भाव भी सुस्त पड़ने लगे हैं। ऊंचे भाव पर मुनाफावसूली के कारण भी इसकी कीमतों में गिरावट आई है। जानकारों के अनुसार इस साल हल्दी का उत्पादन कम होने से लंबी अवधि में इसके भाव तेज रहने की संभावना है।
बीते कुछ दिनों से हल्दी के भाव लगातार घट रहे हैं। पिछले 20 दिन में हल्दी के वायदा भाव करीब 3,600 रुपये घट चुके हैं। कमोडिटी एक्सचेंज नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) पर 13 मार्च को हल्दी का अप्रैल अनुबंध 19,700 रुपये के भाव पर बंद हुआ था, जिसने आज खबर लिखे जाने के समय 16,090 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। इस तरह बीते 20 दिन में हल्दी करीब 18 फीसदी सस्ती हुई है।
क्यों आ रही है गिरावट
हल्दी के भाव घटने की वजह इसकी आवक जोर पकड़ना है। कमोडिटी विश्लेषक इंद्रजीत पॉल ने बताया कि अब हल्दी की नई फसल की आवक जोर पकड़ रही है। मार्च महीने में फरवरी की तुलना में करीब 20 फीसदी ज्यादा आवक हुई है। जिससे हल्दी के भाव भी सुस्त पड़े हैं। बीते 20 दिन में हल्दी के भाव 3000 रुपये से ज्यादा घट चुके हैं।
एचडीएफसी सिक्योरिटी में कमोडिटी व करेंसी हेड अनुज गुप्ता के मुताबिक ऊंचे भाव पर मुनाफावसूली के कारण भी हल्दी की कीमतों में गिरावट आई है। कमोडिटी जानकारों के अनुसार स्टॉकिस्ट अब माल निकाल रहे हैं। ऐसे में बिकवाली हावी होने से हल्दी की कीमतों में गिरावट को बल मिला है।
उत्पादन की स्थिति
इस साल हल्दी की फसल काफी कमजोर बताई जा रही है। कारोबारी अनुमान के मुताबिक इस साल देश में हल्दी का उत्पादन घटकर 50 से 55 लाख बोरी रह सकता है, जो पिछले साल के 80 से 85 लाख बोरी (60 किलो) उत्पादन से काफी कम है। साथ ही पुराना स्टॉक भी कमजोर है। मौसम प्रतिकूल रहने से अच्छी गुणवत्ता वाली हल्दी की इस साल कमी रह सकती है। ऐसे में लंबी अवधि में हल्दी के भाव तेज रह सकते हैं।