नई दिल्ली। UPI Payment: भारत में डिजिटल तेजी के बीच वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान पिछले साल की तुलना में यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) से लेनदेन में संख्या के हिसाब से रिकॉर्ड 56 फीसदी और मूल्य के हिसाब से 43 फीसदी वृद्धि हुई है। यह पहला मौका है जब यूपीआई से लेनदेन वित्त वर्ष के दौरान 100 अरब के पार गया है और 131 अरब पर पहुंच गया है, जबकि 2022-23 में यह 84 अरब था।
मार्च 2024 में भी लेनदेन में संख्या के हिसाब से 55 फीसदी वृद्धि हुई और मार्च 2023 की तुलना में यह 13.44 अरब हो गया, जबकि मूल्य के हिसाब से 40 फीसदी वृद्धि हुई और यह 19.78 लाख करोड़ रुपये हो गया।
वित्त वर्ष 24 के दौरान मूल्य के हिसाब से भी लेनदेन 199.89 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है, जबकि पिछले साल 139.1 लाख करोड़ रुपये था। फरवरी 2024 में लेनदेन क्रमशः 12.10 अरब और 18.28 लाख करोड़ रुपये था। जनवरी 2024 में यह संख्या व मूल्य के हिसाब से क्रमशः 12.20 अरब और 18.41 लाख करोड़ रुपये था।
वर्ल्डलाइन इंडिया में सीनियर वाइस प्रेसीडेंट सुनील रोंगाला ने यूपीआई लेनदेन के बारे में कहा, ‘वित्त वर्ष 2024 में यूपीआई से लेनदेन में मजबूत वृद्धि हुई है। यूपीआई की पहुंच बढ़ने के साथ इससे लेनदेन का औसत आकार (एटीएस) छोटा हुआ है, जिसका मतलब हुआ कि छोटे लेनदेन बढ़े हैं। मार्च 2024 में एटीएस 1,471 रुपये रहा है, जो मार्च 2023 में 1,623 रुपये था।’
वहीं दूसरी तरफ, मार्च 2024 में इमीडिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) से लेनदेन में संख्या के हिसाब से 17 फीसदी वृद्धि हुई है और यह 58.1 करोड़ हो गया है। मूल्य के हिसाब 16 फीसदी वृद्धि हुई है और यह 6.35 लाख करोड़ रुपये रहा है। पूरे वित्त वर्ष के दौरान यह 9 फीसदी बढ़कर 599.9 करोड़ हो गया है, जो 2022-23 में 551.0 करोड़ था।
वहीं मूल्य के हिसाब से आईएमपीएस से लेनदेन 17 फीसदी बढ़कर 64.93 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले 55.42 लाख करोड़ रुपये था। फरवरी 2024 में संख्या 53.5 करोड़ और मूल्य 5.68 लाख करोड़ रुपये रहा, जो जनवरी 2024 के 50.9 करोड़ और 5.66 लाख करोड़ रुपये की तुलना में अधिक है।
फास्टैग से लेनदेन संख्या के हिसाब से 11 फीसदी बढ़कर 33.9 करोड़ और मूल्य के हिसाब से 17 फीसदी बढ़कर 5,939 करोड़ रुपये हो गया है। यह फरवरी 2024 में संख्या के हिसाब से 32.3 करोड़ और मूल्य के हिसाब से 5,582 करोड़ रुपये था, जो जनवरी 2023 में क्रमशः 33.1 करोड़ और 5,560 करोड़ रुपये था।
मार्च 2024 में आधार सक्षम भुगतान व्यवस्था (एईपीएस) में 1 फीसदी की कमी आई है और कुल लेनदेन 10.8 करोड़ रह गया है। मूल्य के हिसाब से भी इसमें 8 फीसदी कमी आई है और यह 27,996 करोड़ रुपये रह गया है।