कालीमिर्च के वैश्विक उत्पादन में कमी से बाजार भाव और बढ़ने की संभावना

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बंगलौर। पिछले साल के मुकाबले चालू वर्ष के दौरान भारत में कालीमिर्च का उत्पादन बेहतर होने की उम्मीद की जा रही है लेकिन वियतनाम, इंडोनेशिया, थाईलैंड एवं ब्राजील जैसे अन्य प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देशों में उत्पादन घटने या गत वर्ष के आसपास रहने की संभावना है।

कालीमिर्च का उत्पादन कुछ विशेष कारणों से प्रभावित होता है जिसमें मौसम की प्रतिकूल स्थिति एवं उत्पादकों द्वारा कालीमिर्च के बजाय कुछ नकदी फसलों की खेती को प्राथमिकता दिया जाना भी शामिल है।

कालीमिर्च का वैश्विक बाजार भाव ऊंचा एवं तेज चल रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि आगामी समय के दौरान इसमें कुछ और तेजी आ सकती है। भारतीय कालीमिर्च की क्वालिटी बहुत अच्छी होती है इसलिए अन्य उत्पादक एवं निर्यातक देशों की तुलना में इसका भाव ऊंचा रहता है। वर्तमान समय में इसका दाम करीब 6500 डॉलर प्रति टन चल रहा है जो श्रीलंकाई कालीमिर्च के मूल्य के लगभग बराबर है।

वियतनाम की आस्टा ग्रेड वाली कालीमिर्च का भाव 4700 डॉलर प्रति टन तथा 550 जीएल क्वालिटी का भाव 4500 डॉलर प्रति टन बताया जा रहा है जबकि इसकी क्वालिटी कमजोर होती है। ब्राजील की कालीमिर्च 4200 डॉलर प्रति टन पर उपलब्ध है।

कई देशों में कालीमिर्च की नई फसल की तुड़ाई-तैयारी अभी चल रही है मगर भाव ऊंचा होने से भारत में इसका आयात धीमा पड़ने की सम्भावना है। भारत में कालीमिर्च फसल की तुड़ाई केरल के लगभग सभी उत्पादक क्षेत्रों में तथा तमिलनाडु एवं कर्नाटक के कुछ भागों में आरम्भ हो चुकी है।