चना का रकबा घटने से स्टॉकिस्ट सक्रिय, कीमतों में और तेजी संभव

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नई दिल्ली। चना के भाव अब फिर से बढ़ने लगे हैं। इसकी वजह चना का रकबा घटने से उत्पादन में कमी आने की संभावना है। साथ ही शादियों के सीजन के लिए स्टॉकिस्टों और दाल मिलों द्वारा इसकी खरीद बढ़ाने पर जोर देना है। बाजार जानकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में भी चना की कीमतों में और तेजी आ सकती है।

इन दिनों चने की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। बीते 10 दिन के दौरान प्रमुख मंडियों में चना के थोक भाव 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ चुके हैं। दिल्ली में चना की थोक कीमत 5,800-5,850 रुपये से बढ़कर 6,100-6,125 रुपये, मध्य प्रदेश की गंजबासौदा मंडी में 5,200-5,400 रुपये से बढ़कर 5,400-5,700 रुपये और महाराष्ट्र की लातूर मंडी में 5,800-5,850 रुपये से बढ़कर 6,100-6,150 रुपये प्रति क्विंटल हो चुकी है। कमोडिटी जानकारों के अनुसार चने के दाम बढ़कर 6,350 से 6,400 रुपये प्रति क्विंटल तक जा सकते हैं।

चने की कीमतों में आ रही इस तेजी की प्रमुख वजह चने के रकबा में गिरावट आना है। ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में 102.90 लाख हेक्टेयर में चना बोया जा चुका है, जो पिछले साल की समान अवधि के रकबा 109.73 लाख हेक्टेयर से करीब 6 फीसदी कम है। आईग्रेन इंडिया में कमोडिटी विश्लेषक राहुल चौहान ने कहा कि चने की बोआई कम होने से उत्पादन भी घटने की संभावना है।

कमोडिटी विश्लेषक इंद्रजीत पॉल कहते हैं कि इस साल चने की पैदावार में 15 फीसदी गिरावट आ सकती है। उत्पादन घटने की आशंका में चने की कीमतों में तेजी आ रही है। नेफेड के पास भी चना का करीब 10 लाख टन और निजी कारोबारियों के पास करीब 5 लाख टन का स्टॉक बचा है, जो मांग के हिसाब से सीमित स्टॉक कहा जा सकता है।

जानकारों के मुताबिक आगे शादियों के सीजन में दाल मिलों की ओर से चने का मांग और बढ़ सकती है। ऐसे में आगे चने की कीमतों में तेजी जारी रह सकती है। पॉल के अनुसार चने के दाम बढ़कर 6,350 रुपये प्रति क्विंटल तक जा सकते हैं।