जयपुर। Chiranjeevi Scheme: राजस्थान की भजनलाल सरकार के चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने गहलोत सरकार की सबसे बड़ी योजना पर करारा हमला बोला है।
खींवसर ने हाल में जोधपुर दौरे के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि चिरंजीवी योजना बोगस और फेलियर योजना थी जहां गहलोत सरकार ने झूठ बोलकर 25 लाख का इलाज देने का लोलीपॉप जनता दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में लोगों को 25 लाख के इलाज की बजाय 8 से साढ़े आठ लाख से ज्यादा का फायदा किसी को नहीं मिला है।
उल्लेखनीय है कि गहलोत सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से राजस्थान के प्रत्येक परिवार को ₹ 25,00000 तक के कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान की जाएगी। 1. निःशुल्क लाभ प्राप्त करने वाली श्रेणीः- राज्य सरकार द्वारा निर्धारित ऐसी श्रेणी के पात्र परिवारों के प्रीमियम का 100 प्रतिशत भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है।
खींवसर ने कहा कि आयुष्मान स्कीम पर चर्चा करने दिल्ली जाऊंगा। उस स्कीम में केन्द्र से कई रिलेक्सेशन मिलेगा और अमाउंट भी बढ़ेगा। हम चाह रहे हैं कि राजस्थान में फंड एड कर आयुष्मान में ही समाहित हो जाए। एक कार्ड-वन स्कीम होगी। खींवसर ने कहा कि हमें केन्द्र पर भरोसा है कि वहां से पैसा मिलेगा। हमारा पैसा उसमें जोड़ कर साढ़े सात लाख तक की बात चल रही है। इसे बढ़ाकर जनता को फायदा देंगे।
चिकित्सा मंत्री खींवसर ने कहा कि चिरंजीवी में बढ़ा-चढ़ाकर बोला है, वह हम नहीं कर सकते। चिरंजीवी का सही से लोगों को लाभ नहीं मिला। हॉस्पिटल और सरकार के बीच में एक तरह से फ्रिक्शन रहा, अंडरस्टेंडिंग नहीं रही। मेरी प्राथमिकता यह रहेगी कि सरकार और हॉस्पिटल के बीच कहां लूप रहा है उसे समझूं। खींवसर ने कहा कि हमारे लिए हेल्थ काफी अहम है। इसलिए सबसे पहले प्राइवेट हॉस्पिटल के साथ मीटिंग करुंगा। हमारे अधिकारियों के साथ बैठूंगा। उन्होंने कहा कि मैं यह मालूम करने की कोशिश करुंगा कि जो भी योजना है, उसका पूरा लाभ आम जनता को नहीं मिलने का कारण क्या है, क्योंकि हॉस्पिटल सर्टन पैकेजेज को ही फॉलो कर रहे हैं।
खींवसर ने कहा कि आम आदमी के पास ऑप्शन होगा कि वह अपना इलाज बड़े और वेल मैनेज हॉस्पिटल से करवाए। यह विभाग बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि लोगों की जिंदगी और सेहत इसी विभाग पर डिपेंड है। उन्होंने सरकारी सुविधाओं के लिए मैन पावर बढ़ाने की बात कहीं और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए गायनी डॉक्टर नहीं होने पर चिंता जताई। मंत्री खींवसर बोले कि गांवों में महिलाओं की जनसंख्या ज्यादा है। यह बड़े शर्म की बात है कि हम महिलाओं को गायनाकॉलोजिस्ट उपलब्ध नहीं करवा पा रहे। क्या कोई चाहेगा कि उसकी वाइफ मैन गायनाकोलॉजिस्ट के पास जाए। उन्होंने कहा कि पांच साल मिले हैं, कोशिश करुंगा हेल्थ के लिए अच्छी स्कीम बनाएं।