नई दिल्ली। Turmeric Price: चालू सप्ताह के दौरान हल्दी की कीमतों में गिरावट रही। सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में निर्यातक एवं लोकल मांग कम चल रही है। लिवाल नई फसल की आवक का इंतजार कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि निजामाबाद लाइन पर नई हल्दी की आवक 15 जनवरी के आसपास शुरू हो जाएगी। हाजिर में कमजोर मांग एवं स्टॉकिस्टों की बढ़ती बिकवाली के चलते चालू सप्ताह के दौरान हल्दी की कीमतों में 150/200 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई है।
व्यापारियों का कहना है कि हालांकि वर्तमान में उत्पादन केन्द्रों पर स्टॉक पर्याप्त है लेकिन आने वाली फसल गत वर्ष की तुलना में 25/30 प्रतिशत कम रहने के अनुमानों के चलते व्यापारिक धारणा बाजार में मजबूती की बनी हुई है।
बिजाई अनुमान: व्यापारियों का कहना है कि तमिलनाडु में इस वर्ष हल्दी की बिजाई 20/25 प्रतिशत कम रही थी जबकि आंध्र प्रदेश में बिजाई 25/30 प्रतिशत कम रहने के समाचार मिल रहे हैं।
तेलंगाना में भी बिजाई 20/25 प्रतिशत कम मानी जा रही है। प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में भी बिजाई गत वर्ष की तुलना में 25/30 प्रतिशत कम मानी जा रही है। प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में भी बिजाई गत वर्ष की तुलना में 25/30 पर्तिशत कम रही है। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में कुल उत्पादन का 45/50 हल्दी उत्पादन में योगदान देता है।
उत्पादन अनुमान: जानकर सूत्रों का कहना है कि बिजाई के पश्चात मौसम भी फसल के प्रतिकूल बना रहा। जिस कारण से आने वाली फसल गत वर्ष की तुलना में कम रहेगी। बाजार सूत्रों का कहना है कि हल्दी की नई फसल लगभग 54/56 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 60 किलो) के आसपास होने के पूर्वानुमान लगाये जा रहे हैं। जबकि वर्ष 2023 में उत्पादन 84/85 लाख बोरी के अनुमान थे। वर्ष 2022 में उत्पादन 78/80 लाख बोरी एवं वर्ष 2021 में 85/90 लाख बोरी का उत्पादन रहा था।
स्टॉक: उत्पादक केन्द्रों के व्यापारियों से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में तमिलनाडु में हल्दी का स्टॉक 4.5/5 लाख बोरी, आंध्र प्रदेश 3.50/4 लाख बोरी, के अलावा तेलंगाना के वारंगल, निजामाबाद मेटापल्ली में हल्दी स्टॉक का अनुमान 6/7.00 लाख बोरी का लगाया जा रहा है।
मराठवाड़ा (बसमत, नांदेड, हिंगोली वासिम) में स्टॉक 14/15 लाख बोरी होने के समाचार है। सांगली में स्टॉक 3/3.5 लाख बोरी स्टॉक होने के अनुमान लगाये जा रहे हैं। कुल मिलाकर वर्तमान में उत्पादक केन्द्रों पर हल्दी स्टॉक 34/35 लाख बोरी माना रहा है।
तेजी की धारणा: विगत कुछ समय से हल्दी की कीमतों में सीमित उतार-चढ़ाव चल रहा है। उल्लेखनीय है कि उत्पादक केन्द्रों पर बिजाई के समय बारिश की कमी के चलते सटोरियों ने हल्दी की कीमतों में अल्पकाल के दौरान ही अच्छी तेजी बना दी थी और जुलाई-अगस्त माह के दौरान हल्दी की कीमतें दौगना हो गई थी।
मगर ऊंचे भावों पर निर्यात मांग घटने के अलावा लोकल मांग भी प्रभावित हुई जिस कारण से कीमतें धीरे-धीरे घटने लगी। उल्लेखनीय है कि ईरोड मंडी जून माह के दौरान हल्दी फली का भाव 68 रुपए प्रति किलो चल रहा था जोकि अगस्त के अंत में बढ़कर 139/140 रुपए पर बोला जाने लगा था जबकि वर्तमान में भाव घटकर 125 रुपए पर आ गया है।
सूत्रों का कहना है कि उत्पादन घटने के कारण वर्ष 2024 में हल्दी कीमतों में तेजी रहेगी। मगर अभी कुछ समय तक भाव सीमित दायरे में रहेंगे। आवक का दबाव बनने पर कुछ समय तक भाव घट सकते हैं। क्योंकि भाव गत वर्ष की तुलना में काफी ऊंचे चल रहे हैं। गत वर्ष दिसम्बर अंत में इरोड में फली का भाव 76/77 रुपए चल रहा था।
निर्यात: मसाला बोर्ड दवारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-सितम्बर 2023 के दौरान हल्दी का निर्यात 92025.16 टन का हुआ है जबकि अप्रैल-सितम्बर 2022 में निर्यात 88367.77 टन का हुआ था। वर्ष 2022-23 (अप्रैल-मार्च) के दौरान हल्दी का कुल निर्यात 170085 टन का किया गया था जबकि वर्ष 2021-22 के दौरान निर्यात 152758 टन का रहा था।